
➡️ Hum_Rahi ✌︎
@rajl_jat_
👉 every man is the king of his own life ✍️
JAAT⚠️
मेरा हीरो भगतसिंह...
भगतसिंह को मानना व उनके विचारों पर चलना आग के पथ पर चलने से कम नहीं है!
भगतसिंह को जैसे-जैसे हम जानते जाएंगे वैसे-वैसे रिश्तेदारों, दोस्तों के साथ संबंध ढीले पड़ते जाएंगे।
भगतसिंह के लिए गरीब व अमीर/शोषक व शोषित/अत्याचारी व पीड़ित रूपी एक ही संबंध अस्तित्व में है।
भगतसिंह जाति, पंथ,सम्प्रदाय,धर्मों के रिश्तों से कोसों दूर है।
भगतसिंह तर्क की कसौटी पर कसकर चीजों को जानने की सलाह देते है।भगतसिंह आंख मूंदकर मानने से इनकार करते है।
इसलिए भगतसिंह किसी विचार के प्रवाह में बहने वाली धारा का नाम नहीं है।भगतसिंह एक बगावती,विद्रोही विचार है।
रोज लोग कहते है कि तू सही कह रहा है मगर अभी तेरी बात मानने वाले लोग नहीं है!100साल बाद तेरी बातें दोहराई जायेगी!
भगतसिंह की राहों पर चलने का मतलब है कि अपनी जन्मदात्री माँ से लेकर हर रिश्ते की बुनियाद से वैचारिक बगावत करना।
जब से भगतसिंह को जाना है तब से अकेला/खालिस नीरा आदमी हूँ।सिर्फ किताबें मेरी दोस्त/रिश्तेदार है!
मेरी जीवन स्मृतियों में कहने को कुछ लेख होंगे!कुछ पन्हे होंगे!कुछ किताबें होंगी!और कुछ बगावती विवाद होंगे!
भगतसिंह को जानने के बाद हमे जीवन मे कुछ अतिरिक्त समय मिलता है जिसका सदुपयोग मानवता की बेहतरी के लिए सोचने,समझने,करने में किया जा सकता है।
गॉड/अल्लाह/ईश्वर के नाम पर हो रही पूजा/प्रार्थना/इबादतों से बचा समय अध्ययन,जागरूकता,वैज्ञानिक सोच पैदा करने में लगाया जा सकता है।
धार्मिक कर्मकांडों,जुलूसों,जलसों,यात्राओं की भीड़ को छोड़कर पहाड़ों,जंगलों,झीलों,समुद्र तटों आदि का भ्रमण करके प्रकृति को समझने,आत्मनचिंतन करने में समय व्यतीत किया जा सकता है।
भगतसिंह कोई प्रोफाइल पर फोटो लगाने का प्रतीक मात्र नहीं है!भगतसिंह एक अलग जीवनधारा है जो भीड़ से परे सोचने की क्षमता पैदा करती है।लोगो लगा टी-शर्ट पहनने से भगतसिंह नहीं बना जा सकता।
भगतसिंह धर्म,सियासत व सत्ता के खिलाफ बगावत का,वर्तमान व्यवस्था के खिलाफ विद्रोह का आईना है!
रात-दिन कोसने,गरियाने,गिराने में लगे लोगों से निवेदन है कि कभी मेरे पाले में आकर देखो!बहुत दर्द भरा रास्ता है!
हर नासमझ इंसान से रोज गालियां सुनना,उनको समझाने का प्रयास करना,दिल पर आ रही चोटों को मुस्कराकर टालना उतना आसान नहीं है जितना मेरी मुस्कान देखकर तुम समझते हो!
जैसे-जैसे भगतसिंह को जीता हूँ वैसे-वैसे अपनो से कटता जाता हूँ।भगतसिंह कोई 23 साल का युवा नहीं बल्कि इस देश की तारीख है,आईना है,भविष्य का प्रतिबिंब है।
मुझे आज खुशी है कि माफी को चुनने वालों के चेले भी आज फांसी को चुनने वाले मेरे भगत को याद कर रहे है।
#bhagat singh #28 September Bhagat Singh barthday #sharechat
सरदार #भगत_सिंह को मानने वालो
उनकी फोटो लगाने वालो कभी भगत सिंह को पढ़ भी लिया होता उनके विचारों पर चल भी लिया होता
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#साहस_एवं_बलिदान_के_साथ-साथ अपनी तर्क एवं विज्ञानवादी सोच के प्रतीक शहीदे आजम #भगत_सिंह की जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि नमन एवं वंदन 🙏🙏
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प्रकृति की छत्र छाया में हमेशा ऐसे ही #वीर_सपूत पले और अपनी क्रांतिकारी सोच से समस्त समाज को मार्गदर्शन कराएं
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शायद बहुत कम लोग ही जानते होंगे कि शहीद ए आजम भगत सिंह जो देश की खातिर फांसी के फंदे पर झूल गए और इतिहास में हमेशा हमेशा के लिए अमर हो गए वह विज्ञान वादी सोच रखने वाले #तर्कवादी सोच रखने वाले थे
अंधविश्वास पाखंडवाद को ना मानने वाले थे
भगत सिंह ने ईश्वर के अस्तित्व को सिरे से नकार दिया था
"#मैं_नास्तिक_क्यों_हूं" सरदार भगत सिंह का बहुत ही प्रसिद्ध लेख है
उस लेख में जो सरदार भगत सिंह ने तर्क दिए हैं उसके जवाब किसी के पास नहीं है
जो उन्होंने जेल में रहते हुए लिखा था उसी की कुछ लाइनें पेश कर रहा हूँ -
तुम्हारा सर्व #शक्तिशाली_ईश्वर हर व्यक्ति को उस समय क्यों नहीं रोकता जब वह पाप या #अपराध कर रहा होता है
यह तो वह बहुत आसानी से कर सकता है,उसने क्यों नहीं लड़ाकू राजाओं को लड़ने की अग्रता को समाप्त किया और #विश्वयुद्ध द्वारा मानवता पर पड़ने वाली विपत्तियों से उसे बचाया
उसने अंग्रेजों के मस्तिष्क में #भारत_मुक्त कर देने की भावना क्यों नहीं पैदा की,
वह क्यों नहीं पूँजीपतियों के हृदय में परोपकार उत्साह नही भरता कि वह उत्पादन के साधनों पर अपना व्यक्तिगत संपत्ति का अधिकार त्याग दें इस प्रकार केवल संपूर्ण #श्रमिक_समुदाय ही नहीं वरन समस्त समाज को पूंजीवादी से मुक्त करें
ऐसे विज्ञानवादी सोच के महानायक क्रांतिकारी सोच एंव महान विचारक शहीदे आजम भगत सिंह जी की जयंती पर उन्हें को कोटि कोटि वंदन
🙏🙏
#bhagat singh #sharechat
बात करते है शुद्ध देशी घी की..
पहले 1 लाख की भैस लाओ... फिर उसको दिन में 3/4 टाइम छानी खिलाओ 2500 रूपये की आधी क्विंटल वाली खल बिनोला खिलाओ! पानी पिलाओ सर्दी गर्मी बरसात में उसे बाहर भीतर सेफ्टी से रखो .
जिस तरह एक मां बच्चे को पालती है ऐसे ही भैंसो की केयर की जाती है तब जाकर देशी घी दूध छाछ निकलता है..
शहर वालों को लगता है देशी घी 800-1000रु किलो महंगा है तो उनसे बोलना है कि सर्दियों में एक बार 3 दिनों के लिए गांव में आकर काम करवालो मान जाएंगे...
तुम चारदीवारी मकानों में सुबह 4 बजे टांग ऊंची करके पड़े रहते हो ना तब तो भैंसों को छानी डालकर दूध निकालकर ओटा देते हैं.... और तो और जमाये हुए दूध की छाछ भी कर लेते हैं
और फिर भी तुमको लगता है कि महंगा है तो तुम तेल लगाकर ही खाया करो🙏🙏🙏
#Dil se dil tak #sharechat