Kailash kumar Jogawat
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#📚कविता-कहानी संग्रह
📚कविता-कहानी संग्रह - सुविचार आज का # *कभी हँसते हुए छोड़ देती है ये जिंदगी* *कभी रोते हुए छोड़ देती है ये जिंदगी।* पूर्ण विराम सुख में * *न पूर्ण विराम दुःख में * #a *बस जहाँ देखो वहाँ अल्पविराम छोड़ देती है ये பfi* *प्यार की डोर सजाये रखो * *दिल को दिल से मिलाये रखो * थमे इस् दुनिया : *क्या लेकर ज *मीठे बोल और अच्छे व्यवहार रिश्तों को बनाए रखो लेखक कैलाश कुमार जोगावत सुविचार आज का # *कभी हँसते हुए छोड़ देती है ये जिंदगी* *कभी रोते हुए छोड़ देती है ये जिंदगी।* पूर्ण विराम सुख में * *न पूर्ण विराम दुःख में * #a *बस जहाँ देखो वहाँ अल्पविराम छोड़ देती है ये பfi* *प्यार की डोर सजाये रखो * *दिल को दिल से मिलाये रखो * थमे इस् दुनिया : *क्या लेकर ज *मीठे बोल और अच्छे व्यवहार रिश्तों को बनाए रखो लेखक कैलाश कुमार जोगावत - ShareChat
#📚कविता-कहानी संग्रह
📚कविता-कहानी संग्रह - *स्वर्ग में सब कुछ हैं लेकिन.. *्मौत नहीं है* *गीता में सब कुछ हैं लेकिन... *झूठ नहीं है* *दुनिया में सब कुछ हैं लेकिन... आज का सुविचार ) *किसी को सुकून नहीं है और *आज के इंसान में सब कछ है लेकिन ؟ जोगावत सब्र जो धन आपने कमाया उस आप भोग पाओ या न भोग पाओ कैलाश  *्लेकिन उस धन को कमाने चक्कर #.. खक जो कर्म किये है उन्हें तो भोगना ही பST अच्छा हो या बुरा *स्वर्ग में सब कुछ हैं लेकिन.. *्मौत नहीं है* *गीता में सब कुछ हैं लेकिन... *झूठ नहीं है* *दुनिया में सब कुछ हैं लेकिन... आज का सुविचार ) *किसी को सुकून नहीं है और *आज के इंसान में सब कछ है लेकिन ؟ जोगावत सब्र जो धन आपने कमाया उस आप भोग पाओ या न भोग पाओ कैलाश  *्लेकिन उस धन को कमाने चक्कर #.. खक जो कर्म किये है उन्हें तो भोगना ही பST अच्छा हो या बुरा - ShareChat
#📚कविता-कहानी संग्रह
📚कविता-कहानी संग्रह - सुविचारं आज का धम्म प्रभात नमों बुद्धाय जय भीम शब्दों में धार नहीं . आधार होना चाहिये।   क्योंकि जिन शब्दों में धार होत़ी है वो मन को काटते हैं; जबकि जिन शब्दों का आधार होता है वो मन को जीत लेते हैं! सबका मंगल हो सदा खुश रहो मुस्कुराते रहो लेखक कैलाश कुमार जोर सुविचारं आज का धम्म प्रभात नमों बुद्धाय जय भीम शब्दों में धार नहीं . आधार होना चाहिये।   क्योंकि जिन शब्दों में धार होत़ी है वो मन को काटते हैं; जबकि जिन शब्दों का आधार होता है वो मन को जीत लेते हैं! सबका मंगल हो सदा खुश रहो मुस्कुराते रहो लेखक कैलाश कुमार जोर - ShareChat
#📚कविता-कहानी संग्रह
📚कविता-कहानी संग्रह - सुविचार आज का *भाग्य में विश्वास रखने के बजाए अपनी शक्ति और कर्म में विश्वास रखना चाहिए। *बुद्धि का विकास मानव के अस्तित्व का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए। *जब तक आप सामाजिक स्वतंत्रता नहीं हासिल कर लेते , कानून आपको जो भी स्वतंत्रता देता है, वो आपके किसी काम की नहीं। अपने स्वार्स बन सबका =गल आप हमेशा स्वस्थ रहें॰ खुश लेखक कैलाश कुमार जोगावत सुविचार आज का *भाग्य में विश्वास रखने के बजाए अपनी शक्ति और कर्म में विश्वास रखना चाहिए। *बुद्धि का विकास मानव के अस्तित्व का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए। *जब तक आप सामाजिक स्वतंत्रता नहीं हासिल कर लेते , कानून आपको जो भी स्वतंत्रता देता है, वो आपके किसी काम की नहीं। अपने स्वार्स बन सबका =गल आप हमेशा स्वस्थ रहें॰ खुश लेखक कैलाश कुमार जोगावत - ShareChat
#📚कविता-कहानी संग्रह
📚कविता-कहानी संग्रह - आज का सुविचार *लफ्ज़ और उनको बोलने का लहज़ा ही होते हैं इंसान आईना , शक्ल का क्या है वो तो उम्न और हालात के 85[ साथ, अक्सर बदल' जाती है। *रिश्तों में वैसा ही संबंध होना चाहिए जैसे आंख और हाथ का होता है। *हाथ को चोट लगती है तो आंखें रोती हैं और, *आंसू आने पर हाथ ही उन्हें हलाता है और साफ करता है लेखक कैलाश कुमार जोगावत आज का सुविचार *लफ्ज़ और उनको बोलने का लहज़ा ही होते हैं इंसान आईना , शक्ल का क्या है वो तो उम्न और हालात के 85[ साथ, अक्सर बदल' जाती है। *रिश्तों में वैसा ही संबंध होना चाहिए जैसे आंख और हाथ का होता है। *हाथ को चोट लगती है तो आंखें रोती हैं और, *आंसू आने पर हाथ ही उन्हें हलाता है और साफ करता है लेखक कैलाश कुमार जोगावत - ShareChat
#📚कविता-कहानी संग्रह
📚कविता-कहानी संग्रह - *इर्ष्या और नफरत की आग में তলন* और हंसी *हुए इस संसार में खुशी कैसे स्थाई हो सकती है?* #57578,* *अगर आप अँधेरे *तो आप रौशनी की तलाश क्यों नहीं करते। * *अपने तन को स्वस्थ ভেরেনা থী कैलाश कुमार जोगावत एक कर्तव्य है, *अन्यथा आप अपनी मन और सोच को *अच्छा और साफ नही रख पाएंगे *इर्ष्या और नफरत की आग में তলন* और हंसी *हुए इस संसार में खुशी कैसे स्थाई हो सकती है?* #57578,* *अगर आप अँधेरे *तो आप रौशनी की तलाश क्यों नहीं करते। * *अपने तन को स्वस्थ ভেরেনা থী कैलाश कुमार जोगावत एक कर्तव्य है, *अन्यथा आप अपनी मन और सोच को *अच्छा और साफ नही रख पाएंगे - ShareChat
#📚कविता-कहानी संग्रह
📚कविता-कहानी संग्रह - *इर्ष्या और नफरत की आगरमें जवते *हुए इस संसार र्शी बै 3   [ *313 ढुएहैं * *्तो आप रैशनी को तलाश क्यों नहीं करते।y अपने तनकोस्वस्थ रखना शी एक कतच्य *इर्ष्या और नफरत की आगरमें जवते *हुए इस संसार र्शी बै 3   [ *313 ढुएहैं * *्तो आप रैशनी को तलाश क्यों नहीं करते।y अपने तनकोस्वस्थ रखना शी एक कतच्य - ShareChat