Irfan shaikh
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श्री गणेशोत्सव के सातवें दिन, भक्तगण पूरी श्रद्धा और उत्साह के साथ भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करते हैं। यह दिन विशेष रूप से गौरी आवाहन और गौरी पूजन के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन माता गौरी, जो भगवान गणेश की माता हैं, को घर पर आमंत्रित किया जाता है और उनकी स्थापना की जाती है।
सातवें दिन की पूजा विधि और परंपराएं इस प्रकार हैं:
गौरी आवाहन: भक्तगण शुभ मुहूर्त में माता गौरी की प्रतिमा या मूर्ति को घर लाते हैं। उन्हें विधिवत पूजा और मंत्रोच्चार के साथ स्थापित किया जाता है। माना जाता है कि माता गौरी अपने भक्तों को सुख, समृद्धि और सौभाग्य का आशीर्वाद देती हैं।
गणेश पूजा: गणेश जी की पूजा भी पहले की तरह ही चलती रहती है। उन्हें मोदक, लड्डू और विभिन्न प्रकार के पकवानों का भोग लगाया जाता है। आरती की जाती है और भजन-कीर्तन का आयोजन होता है।
सांस्कृतिक कार्यक्रम: कई जगहों पर इस दिन विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जिसमें भजन संध्या, लोक नृत्य और नाटक शामिल होते हैं। यह उत्सव की रौनक को और बढ़ा देता है।
यह दिन दर्शाता है कि गणेशोत्सव सिर्फ भगवान गणेश की पूजा का नहीं, बल्कि पूरे परिवार और समुदाय के एक साथ आने का पर्व है। यह दिन खुशी, भक्ति और सामाजिक एकता का प्रतीक है। #श्री गणेशोत्सव के सातवें दिन #🗞️2 सितंबर के अपडेट 🔴 #aaj ki taaja khabar #🗞breaking news🗞 #🗞️🗞️Latest Hindi News🗞️🗞️
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