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Bhagat Sai Kanwarram Sahib 🎶💞
मांझांदन दरबार में सांई कंवरराम साहिब ने अपने जीवन का अंतिम भजन गाया। "आओ कांगा कर गाल्ह", जो कि मारु राग का कलाम है। राग मारू मातम का राग है, जो सिर्फ दुख की घड़ी या गमी पर गाया जाता है।
परंतु सांई कंवरराम ने खुशी के मौके पर यह राग गाया, तो लोगों ने पूछा, "सांई आप राग मारू क्यों गा रहे हैं?"
साईं ने कहा, "यह राग मैं खुद के लिए गा रहा हूं। इसका असर किसी और पर नहीं होगा।"
मांझांदन दरबार मैं अपने जीवन का अंतिम सत्संग-कीर्तन करके सांई रूक स्टेशन पहुंचे, जहां उनकी शहादत हुई।
*नाले अलख जे बेड़ो तार मुहिंजो* अपनी श्रुतिमधुर आवाज से ईश्वर की आराधना कर मृत बच्चे में प्राण डाल देने वाले, मानव सेवा को समर्पित, महान भजन गायक हिंद सिंध जे सरताज अमर शहीद *संत भगत कँवरराम साहिब जी* के 86 वे बलिदान दिवस (2nd Nov) पर श्रदांजलि कोटि कोटि वंदन 🙏🏻🙏🏻
संत कंवरराम साहेब अमर रहे। 🙏🏻💝
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