पर्यावरण
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🇭ARISH🇯AHIREY
607 views 3 days ago
#🌏विश्व पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस 🌳 आप सभी को "विश्व पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस” कि हार्दिक शुभकामनाएं। यह दिन जलवायु परिवर्तन, खाद्य सुरक्षा और जल-हवा की गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करने का है। हमें प्रकृति के प्रति अपने दायित्व को निभाने के लिए सक्रिय रहना चाहिए, विशेषकर पौधरोपण के माध्यम से। World Environmental Health Day 2025 Themes : “Clean Air, Healthy People” (स्वच्छ हवा, स्वस्थ लोग) #विश्व पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस #विश्व पर्यावरण दिवस🌍 #World Environmental Health Day #पर्यावरण
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#🌏विश्व पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस 🌳 *मानव और पर्यावरण एक दूसरे पर निर्भर होते हैं और मानव स्वास्थ्य का हर पहलू इससे प्रभावित होता है।* *विश्व पर्यावरण दिवस पर आईयें साथ मिलकर सुरक्षित और समृद्ध भविष्य के लिए पर्यावरण को स्वच्छ बनाए रखने का संकल्प लें।* #विश्व_पर्यावरण_स्वास्थ्य_दिवस *एक पेड़ लगाएं जीवन अनेक बचाएं।* #पर्यावरण #WorldEnvironmentalHealthDay #💚नेचर लवर🌿 #🏞️ प्रकृति की सुंदरता
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#🌏विश्व पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस 🌳 *मानव और पर्यावरण एक दूसरे पर निर्भर होते हैं और मानव स्वास्थ्य का हर पहलू इससे प्रभावित होता है।* *विश्व पर्यावरण दिवस पर आईयें साथ मिलकर सुरक्षित और समृद्ध भविष्य के लिए पर्यावरण को स्वच्छ बनाए रखने का संकल्प लें।* #विश्व_पर्यावरण_स्वास्थ्य_दिवस *एक पेड़ लगाएं जीवन अनेक बचाएं।* #💚नेचर लवर🌿 #पर्यावरण #WorldEnvironmentalHealthDay #🏞️ प्रकृति की सुंदरता
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K. VISHVAKARMA
436 views 5 days ago
फ़्रांस के ट्रेले नामक वैज्ञानिक ने हवन पर रिसर्च की। जिसमें उन्हें पता चला की हवन मुख्यतः आम की लकड़ी पर किया जाता है। जब आम की लकड़ी जलती है तो फ़ॉर्मिक एल्डिहाइड नामक गैस उत्पन्न होती है।जो कि खतरनाक बैक्टीरिया और जीवाणुओं को मारती है ।तथा वातावरण को शुद्द करती है। इस रिसर्च के बाद ही वैज्ञानिकों को इस गैस और इसे बनाने का तरीका पता चला। *गुड़ को जलाने पर भी ये गैस उत्पन्न होती है।* टौटीक नामक वैज्ञानिक ने हवन पर की गयी अपनी रिसर्च में ये पाया की यदि आधे घंटे हवन में बैठा जाये अथवा हवन के धुएं से शरीर का सम्पर्क हो तो टाइफाइड जैसे खतरनाक रोग फ़ैलाने वाले जीवाणु भी मर जाते हैं और शरीर शुद्ध हो जाता है। हवन की महत्ता देखते हुए राष्ट्रीय वनस्पति अनुसन्धान संस्थान लखनऊ के वैज्ञानिकों ने भी इस पर एक रिसर्च की । क्या वाकई हवन से वातावरण शुद्द होता है और जीवाणु नाश होता है ?अथवा नही ? उन्होंने ग्रंथों में वर्णिंत हवन सामग्री जुटाई और जलाने पर पाया कि ये विषाणु नाश करती है। फिर उन्होंने विभिन्न प्रकार के धुएं पर भी काम किया और देखा कि सिर्फ आम की लकड़ी १ किलो जलाने से हवा में मौजूद विषाणु बहुत कम नहीं हुए । पर जैसे ही उसके ऊपर आधा किलो हवन सामग्री डाल कर जलायी गयी तो एक घंटे के भीतर ही कक्ष में मौजूद बैक्टीरिया का स्तर ९४ % कम हो गया। यही नहीं उन्होंने आगे भी कक्ष की हवा में मौजुद जीवाणुओ का परीक्षण किया और पाया कि कक्ष के दरवाज़े खोले जाने और सारा धुआं निकल जाने के २४ घंटे बाद भी जीवाणुओं का स्तर सामान्य से ९६ प्रतिशत कम था। बार-बार परीक्षण करने पर ज्ञात हुआ कि इस एक बार के धुएं का असर एक माह तक रहा और उस कक्ष की वायु में विषाणु स्तर 30 दिन बाद भी सामान्य से बहुत कम था। यह रिपोर्ट एथ्नोफार्माकोलोजी के शोध पत्र (resarch journal of Ethnopharmacology 2007) में भी दिसंबर २००७ में छप चुकी है। रिपोर्ट में लिखा गया कि हवन के द्वारा न सिर्फ मनुष्य बल्कि वनस्पतियों एवं फसलों को नुकसान पहुचाने वाले बैक्टीरिया का भी नाश होता है। जिससे फसलों में रासायनिक खाद का प्रयोग कम हो सकता है । _लेख को पढ़ने के उपरांत आगे साझा अवश्य करें.......!! ये सामान्यजन उपयोगी है 🙏 सनातन, हिंदू धर्म और हिंदुत्व की सदैव ही जय 🚩🙏🌹🙏🚩 #सनातन #सनातनविचार #सनातनसंस्कार #सनातनहमारीपहचान पर्यावरण #sanatan #sanatandharma #पर्यावरण
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