सत्यता का ज्ञान
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Harshit Verma
570 views 5 months ago
वर्तमान में मैंने आज तक ऐसा कोई व्यक्ति नहीं देखा जिसकी निचली ज़रूरतें पूरी न हुई हों और वह ईश्वर की सत्यता की खोज वास्तव में कर सके — (यह संभव नहीं है। मुझे खेद के साथ कहना पड़ रहा है, लेकिन.... सत्य तो सत्य है, और उसे कहा ही जाना चाहिए, चाहे वह दुख दे। मैं कुछ नहीं कर सकता; यह ऐसा ही है।) फिर उसकी अधूरी इच्छाएँ उसके चारों ओर मँडराती रहती हैं — उसकी अधूरी परतें। वह प्रार्थना की बात कर सकता है, वह प्रेम की बात कर सकता है, लेकिन वह वास्तव में सेक्स की बात कर रहा होगा। अगर उसका सेक्स अधूरा है, तो उसका प्रेम की बात करना वास्तव में प्रेम के बारे में नहीं है; वह अधूरे सेक्स के बारे में है। वह ‘प्रेम’ शब्द का इस्तेमाल कर सकता है — लेकिन वह अप्रासंगिक है। उसका कोई महत्व नहीं। लेकिन अगर आप उसकी ‘प्रेम’ की बातों में गहराई से उतरें, तो आपको वहाँ छिपी हुई कामवासना दिखाई देगी। क्योंकि जब तक मनुष्य की निचली ज़रूरतें पूरी न हो जाएँ, तब तक उसका उच्चतर ज़रूरतों की ओर कूदना असंभव है।" #सत्यता से मुँह मत फेरो #सत्यता का ज्ञान #🌸 सत्य वचन #☝आज का ज्ञान #👫 हमारी ज़िन्दगी
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