मां महिषासुर मर्दिनी👅🪔
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नारी-शक्ति 🚺✨ 'सौभाग्य नहीं, अधिकार' — भारत का प्रतिष्ठित Nari Shakti Puraskar 1999 में Stree Shakti के रूप में आरंभ हुआ, 2015 में पुनर्गठित होकर अब राष्ट्रपति द्वारा अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (8 मार्च) पर महिलाओं/संस्थाओं की असाधारण उपलब्धियों के लिए दिया जाता है और यह मान्यता व नकद प्रोत्साहन दोनों देती है। विकिपीडिया और विकीप्रोजेक्ट्स का लेटेस्ट ट्रेंड यही कहता है कि महिला सशक्तिकरण सिर्फ नारा नहीं बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा में निवेश के कारण आर्थिक भागीदारी व आत्म-निर्भरता में मापनीय वृद्धि है — इसलिए पहचान देने वाले पुरस्कारों के साथ-साथ सुरक्षा व जागरूकता अभियानों का विज्ञानसमर्थन होना जरूरी है और हालिया 'Mission Shakti' जैसी मुहिमों ने सक्रिय हस्तक्षेप से तत्काल असर दिखाया है। विकिसूक्तियों से प्रेरित एक शक्तिशाली संदेश: “यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता।” — इसका अर्थ यह है कि धर्मग्रंथों में नारी के आदर की बातें मिलती हैं, पर धर्म की व्याख्या को विज्ञान, मानवाधिकार और समानता के मानदण्डों से मिलाना ज़रूरी है; जो भी रीति-रिवाज़ महिलाओं की स्वतंत्रता रोकते हैं वे गलत माने जाएँ। तर्क/साइंस: सामाजिक मान्यता (पुरस्कार) आत्म-प्रभाव (self-efficacy) बढ़ाती है और सुरक्षा उपाय असुरक्षा-लागत घटाकर महिलाओं की गतिशीलता व आर्थिक सहभागिता बढ़ाते हैं — इसलिए पहचान + सुरक्षा = परिवर्तन; आज शेयर कर के इस विचार को फैलाओ और बदलाव का हिस्सा बनो! 🔁🔥 #नारीशक्ति #NariShakti #महिलासशक्तिकरण #MissionShakti #WomenEmpowerment @नारी शक्ति @ नारी शक्ति सेना @Sunita Sharma नारी शक्ति @नारी शक्ति @नारी शक्ति #शिव शक्ति #महिषासुर वध #मां महिषासुर मर्दिनी👅🪔 #महिषासुर मर्दिनी स्रोत 🙏# मेरी आवाज़ #viral
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क्या आपने कभी सोचा है — महिषासुर सिर्फ़ एक 'बैल-राक्षस' नहीं, बल्कि इतिहास, संस्कृति और मनोविज्ञान का आइना है? 🐃🔥 महिषासुर को देवी दुर्गा ने हराया और यही युद्ध Navaratri/दुर्गापूजा में 'अच्छाई पर बुराई की जीत' के रूप में मनाया जाता है; रोचक तथ्य: Mysuru (Mahishooru) का नाम भी इस कथा से जुड़ा माना जाता है। प्रेरक पंक्ति: "महिषासुर का अंत तभी होगा, जब अपना अहंकार मिटेगा" — जो आज भी आत्मविनाश के प्रतीक के रूप में समझी जा रही है। तर्क-विज्ञान: मिथक और इतिहास का तुलनात्मक अध्ययन दिखाता है कि किस तरह विजयी सांस्कृतिकNarrative किसी समूह को 'राक्षस' या 'विलेन' करार दे देते हैं; असुर-समुदाय महिषासुर को अपना पूर्वज मानते हैं, यह दर्शाता है कि पर्व-कल्पनाएँ केवल धार्मिक नहीं बल्कि सामुदायिक और राजनीतिक स्मृति भी हैं। साहित्यिक संदर्भ में देवी की स्तुति को समर्पित Mahishasura Mardini Stotra जैसी रचनाएँ देवी की शक्ति और समाज में नैतिकता की जीत को जगा देती हैं। वर्तमान संकेत: Mysuru में Dasara के दौरान महिषासुर प्रतिमा के पास सभा पर पाबंदी जैसी हालिया खबरें यह दिखाती हैं कि यह पुरानी कथा आज भी संवेदनशील और विवादित है — इतिहास को सम्मान दें, पर किसी समुदाय की भावनाओं को अपमानित करना गलत है। आप इसे पौराणिक प्रतीक, इतिहासीय नायक या मनोवैज्ञानिक 'Ego' के रूप में कैसे पढ़ते हैं — सोचिए और शेयर कीजिए! 🔁 #महिषासुर #Durga #Navaratri #Mahishasura #मायसूर 🐃🔱📜🧠 @महिषासुर @महिषासुर @जोक्स का महिषासुर @मुंबईची महिषासुरमर्दिनी 🙏 @राममिलन महिमापुर #महिषासुर #महिषासुर मर्दिनी स्रोत 🙏# मेरी आवाज़ #महिषासुर मर्दिनी स्रोत 🙏# मेरी आवाज़ #मां महिषासुर मर्दिनी👅🪔 #महिषासुर वध
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