aaj ki taaja khabar
576 Posts • 614K views
Irfan shaikh
660 views 25 days ago
विश्व टेलीविजन दिवस नमस्ते! विश्व टेलीविजन दिवस (World Television Day) के बारे में जानकारी यहाँ दी गई है: 📺 कब मनाया जाता है? विश्व टेलीविजन दिवस हर साल 21 नवंबर को मनाया जाता है। ✨ क्यों मनाया जाता है? यह दिवस इलेक्ट्रॉनिक उपकरण से परे टेलीविजन के महत्व पर जोर देता है। यह टेलीविजन को सूचना, शिक्षा, मनोरंजन और जनमत को प्रभावित करने वाले एक प्रमुख माध्यम के रूप में स्वीकार करता है। यह समाज को प्रभावित करने वाले महत्वपूर्ण मुद्दों और घटनाओं के बारे में निष्पक्ष जानकारी प्रदान करने में टेलीविजन मीडिया के विकास का समर्थन करने के लिए भी मनाया जाता है। 🗓️ पृष्ठभूमि: संयुक्त राष्ट्र ने 21 और 22 नवंबर 1996 को पहला विश्व टेलीविजन फोरम आयोजित किया था, जिसमें वैश्विक राजनीति और निर्णय लेने में टीवी की बढ़ती भूमिका पर चर्चा की गई थी। इस दिन के महत्व को देखते हुए, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 17 दिसंबर 1996 को एक प्रस्ताव पारित करके 21 नवंबर को विश्व टेलीविजन दिवस घोषित किया। पहला विश्व टेलीविजन दिवस 21 नवंबर 1997 को मनाया गया था। क्या आप टेलीविजन के आविष्कार या भारत में टेलीविजन के इतिहास के बारे में और जानना चाहेंगे? #🆕 ताजा अपडेट #hindi khabar #🗞breaking news🗞 #🗞️🗞️Latest Hindi News🗞️🗞️ #aaj ki taaja khabar
13 likes
14 shares
Irfan shaikh
2K views 26 days ago
टीपू सुल्तान जी टीपू सुल्तान (Sultan Fateh Ali Sahib Tipu) भारतीय इतिहास के एक महान शासक और योद्धा थे, जिन्होंने मैसूर साम्राज्य पर शासन किया। उन्हें लोकप्रिय रूप से 'मैसूर के बाघ' (Tiger of Mysore) के नाम से जाना जाता है। 👑 संक्षिप्त परिचय पूरा नाम: सुल्तान फतेह अली खान बहादुर साहब टीपू जन्म: 10 नवंबर 1750 (या कुछ स्रोतों के अनुसार 20 नवंबर 1750) जन्म स्थान: देवनहल्ली, कर्नाटक पिता: हैदर अली (मैसूर के शासक) शासनकाल: 1782 से 4 मई 1799 तक। मृत्यु: 4 मई 1799, श्रीरंगपट्टनम में अंग्रेजों से लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुए। 🌟 प्रमुख उपलब्धियाँ और नवाचार टीपू सुल्तान एक कुशल प्रशासक, विद्वान और सैन्य रणनीतिकार थे। उनकी कुछ प्रमुख उपलब्धियाँ और नवाचार निम्नलिखित हैं: आंग्ल-मैसूर युद्ध: उन्होंने अपने पिता हैदर अली के साथ मिलकर और बाद में अकेले अंग्रेजों (ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी) के खिलाफ कई युद्ध लड़े। उन्होंने द्वितीय आंग्ल-मैसूर युद्ध में अंग्रेजों को पराजित किया और मंगलौर की संधि (1784) करने पर मजबूर किया। वह चतुर्थ आंग्ल-मैसूर युद्ध (1799) में अपनी राजधानी श्रीरंगपट्टनम की रक्षा करते हुए शहीद हो गए। रॉकेट प्रौद्योगिकी के अग्रणी: उन्हें भारत में रॉकेट प्रौद्योगिकी के जनक के रूप में जाना जाता है। उन्होंने मैसूरियन रॉकेटों का उपयोग युद्ध में किया, जो बाद में कॉनग्रेव रॉकेट के विकास का आधार बने। प्रशासनिक सुधार: उन्होंने एक नया कैलेंडर और नई सिक्का प्रणाली शुरू की। उन्होंने नाप-तौल की नई प्रणाली (नई भूमि राजस्व प्रणाली) का भी प्रयोग किया, जिससे मैसूर रेशम उद्योग का विकास हुआ। उन्होंने एक सैन्य नियमावली (मैनुअल) की स्थापना की, जिसका नाम 'फतहुल मुजाहिदीन' था, जिसमें रॉकेटों के संचालन की व्याख्या थी। सैन्य और कूटनीति: उन्होंने एक शक्तिशाली नौसेना (नेवी) बेड़े के निर्माण की योजना बनाई और नौवाहन विभाग बोर्ड की स्थापना की। उन्होंने फ्रांसीसी क्रांति से प्रभावित होकर अपनी राजधानी श्रीरंगपट्टनम में 'स्वतंत्रता का वृक्ष' (Tree of Liberty) लगवाया और जैकोबिन क्लब के सदस्य बने। वह अरबी, फारसी, कन्नड़ और उर्दू में पारंगत थे। टीपू सुल्तान ने अपनी कूटनीतिक शक्ति और सैन्य बल के दम पर अंग्रेजों को दक्कन (दक्षिण भारत) में कई बार कड़ी चुनौती दी। क्या आप टीपू सुल्तान के किसी विशेष पहलू, जैसे कि उनके युद्धों या उनके द्वारा किए गए सुधारों, के बारे में और जानना चाहेंगे? #🆕 ताजा अपडेट #aaj ki taaja khabar #🗞️🗞️Latest Hindi News🗞️🗞️ #🗞breaking news🗞 #📢20 नवंबर के अपडेट 🗞️
23 likes
30 shares