Irfan shaikh
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जोहरा सहगल (जन्म 27 अप्रैल 1912 - मृत्यु 10 जुलाई 2014) एक भारतीय अभिनेत्री, नृत्यांगना और कोरियोग्राफर थीं, जिन्होंने अपने लंबे करियर में रंगमंच, बॉलीवुड और ब्रिटिश टेलीविजन में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्हें "भारतीय रंगमंच की दादी" के नाम से भी जाना जाता है।
प्रारंभिक जीवन और नृत्य करियर
जोहरा सहगल का जन्म सहारनपुर, उत्तर प्रदेश में साहिबजादी जोहरा मुमताजुल्लाह खान बेगम के रूप में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा चकराता में प्राप्त की। 1930 में, वह जर्मनी गईं और मैरी विगमैन के बैले स्कूल में प्रवेश लेने वाली पहली भारतीय बनीं।
इसके बाद, उन्होंने 1935 में प्रसिद्ध नर्तक उदय शंकर की समकालीन नृत्य मंडली में एक नर्तकी के रूप में अपना करियर शुरू किया और आठ साल तक उनके साथ काम किया। उन्होंने शंकर के साथ जापान सहित विभिन्न देशों का दौरा किया।
अभिनय करियर
जोहरा सहगल ने 1940 के दशक की शुरुआत में अभिनय की दुनिया में कदम रखा। उन्होंने पृथ्वीराज कपूर के 'पृथ्वी थिएटर' में लगभग 14 साल तक काम किया।
उनकी कुछ प्रमुख फिल्में और टीवी धारावाहिक इस प्रकार हैं:
भारतीय फिल्में:
नीचा नगर (1946): यह फिल्म 1946 में कान फिल्म समारोह में प्रदर्शित हुई और पाम डी'ओर (Palme d'Or) पुरस्कार जीतने वाली पहली भारतीय फिल्म बनी।
धरती के लाल (1946): इंडियन पीपुल्स थिएटर एसोसिएशन (IPTA) की पहली फिल्म।
अफसर (1946)
हम दिल दे चुके सनम (1999)
दिल से.. (1998)
वीर-ज़ारा (2004)
चीनी कम (2007)
सांवरिया (2007)
बेंड इट लाइक बेकहम (2002)
चलो इश्क लड़ाए (2002)
साया (2003)
तमन्ना (1997)
धूम 2 (2006) (हालांकि कुछ स्रोतों में यह फिल्म उनके नाम के साथ नहीं जुड़ी है, उनकी एक लंबी फिल्मोग्राफी है)
ब्रिटिश टेलीविजन और फिल्में:
द ज्वेल इन द क्राउन (1984)
तंदूरी नाइट्स (1985-87)
भाजी ऑन द बीच (1992)
डॉक्टर हू
अम्मा एंड फैमिली (1996)
द मिस्टिक मैस्योर (2001)
जोहरा सहगल ने फिल्मों में कोरियोग्राफी भी की, जिसमें राज कपूर की फिल्म आवारा का एक लोकप्रिय गीत भी शामिल है। उन्होंने अपने करियर में तीन पीढ़ियों के अभिनेताओं के साथ काम किया, जिनमें राज कपूर, ऋषि कपूर और रणबीर कपूर शामिल हैं।
पुरस्कार और सम्मान
जोहरा सहगल को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया:
संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार (1963)
पद्म श्री (1998)
कालिदास सम्मान (2001)
पद्म भूषण (2002)
संगीत नाटक अकादमी फेलोशिप (2004) (लाइफटाइम अचीवमेंट के लिए सर्वोच्च सम्मान)
पद्म विभूषण (2010) (भारत का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान)
जोहरा सहगल का निधन 10 जुलाई 2014 को 102 वर्ष की आयु में हुआ। उनका जीवन भारतीय कला और सिनेमा के लिए एक प्रेरणा स्रोत है।
क्या आप जोहरा सहगल के किसी विशेष पहलू के बारे में और जानना चाहेंगे, जैसे उनकी कोई खास फिल्म या उनके नृत्य करियर के बारे में?
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