श्री गणेश जी
81 Posts • 466K views
#Gazabpost #Viralpost,
946 views 26 days ago
गणेश जी से प्राप्त होने वाली शिक्षाएँ ​गणेश जी का स्वरूप हमें जीवन के कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर गहरी शिक्षाएँ देता है। उनके शरीर का हर अंग हमें एक विशेष संदेश देता है, जिसे अपनाकर हम एक बेहतर और सफल जीवन जी सकते हैं। ​1. बड़े कान: ध्यान से सुनना ​गणेश जी के बड़े कान इस बात का प्रतीक हैं कि हमें सभी की बातें ध्यान से सुननी चाहिए। इसका मतलब यह है कि हमें दूसरों के विचारों, सलाहों और अनुभवों को खुले मन से सुनना चाहिए। इससे हम ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं और गलतियों से बच सकते हैं। ​2. बड़ा सिर: सोच का विस्तार ​उनका बड़ा सिर यह दर्शाता है कि हमें अपनी सोच का विस्तार करना चाहिए। हमें केवल छोटी-मोटी बातों तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि बड़ी सोच रखनी चाहिए और अपने लक्ष्यों को बड़ा बनाना चाहिए। ​3. छोटी आँखें: बारीक नजर ​छोटी आँखें हमें यह सिखाती हैं कि हमें छोटी-छोटी चीजों पर भी नजर रखनी चाहिए। सफलता के लिए बड़ी योजनाओं के साथ-साथ बारीक विवरणों पर ध्यान देना भी बहुत जरूरी होता है। ​4. छोटा मुँह: कम बोलना ​गणेश जी का छोटा मुँह हमें यह संदेश देता है कि हमें कम बोलना चाहिए। सोच-समझकर बोलना और अनावश्यक बातों से बचना बुद्धिमानी का संकेत है। ​5. अंकुश: बुरे विचारों पर काबू ​उनके हाथ में मौजूद अंकुश हमें यह सिखाता है कि हमें अपने बुरे विचारों और इच्छाओं पर काबू रखना चाहिए। यह आत्म-नियंत्रण का प्रतीक है। ​6. एक टूटा दाँत: अपूर्णता को स्वीकार करना ​उनका एक टूटा हुआ दाँत इस बात का प्रतीक है कि हमें अपूर्णता को भी स्वीकार करना चाहिए। जीवन में सब कुछ हमेशा सही नहीं होता, और हमें अपनी कमियों को भी स्वीकार करना और उनसे सीखना चाहिए। ​7. लड्डू: एकजुट होकर रहना ​हाथ में मौजूद लड्डू इस बात का प्रतीक है कि हमें बूंदियों की तरह एकजुट होकर रहना चाहिए। एकता में शक्ति होती है, और मिलकर काम करने से बड़े से बड़े लक्ष्य हासिल किए जा सकते हैं। ​8. बड़ा पेट: बातों को पचा लेना ​गणेश जी का बड़ा पेट हमें यह सिखाता है कि हमें अच्छी-बुरी सारी बातों को पचा लेना चाहिए। इसका मतलब है कि हमें आलोचना और परेशानियों को सहन करना सीखना चाहिए और उन्हें अपने मन पर हावी नहीं होने देना चाहिए। ​9. छोटे पैर: धैर्य बनाए रखना ​छोटे पैर इस बात का संदेश देते हैं कि हमें धैर्य बनाए रखना चाहिए और जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। सफल होने के लिए धीरज और दृढ़ता बहुत जरूरी है। ​10. सूँड़: आसपास की चीजों को महसूस करना ​उनकी सूँड़ हमें यह सिखाती है कि हमें अपने आसपास की सारी चीजों को महसूस करना चाहिए। इसका मतलब है कि हमें अपने परिवेश के प्रति जागरूक रहना चाहिए और हर चीज से कुछ न कुछ सीखना चाहिए। ​ये शिक्षाएँ हमें एक संतुलित और सफल जीवन जीने का मार्ग दिखाती हैं #श्री गणेश जी #जय श्री गणेश #श्री गणेश #☝ मेरे विचार #🙏🏻गुरबानी
11 likes
21 shares