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बिहारी बाबु 321
रुत बदल रही है, हवाएँ हल्की-सी ठंडी, तेरी यादें, मेरी सांसों में घुली। चलो जी लें ये पल, बस तुम और मैं, अक्टूबर की हर धड़कन में हमारा जहां। #☝अनमोल ज्ञान #😊आज के सुविचार👌 #❤️जीवन के सीख #🌸 सत्य वचन #🙏 सम्मान सर्वोपरि
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3 दिन पहले
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