Rajnath Dass
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3 days ago
#सत_भक्ति_संदेश कबीर, तीन लोक पिंजरा भया, पाप पुण्य दो जाल। सभी जीव भोजन भये, एक खाने वाला काल।। भावार्थ:- तीन लोक – स्वर्ग, पृथ्वी और पाताल -ये सब काल (ब्रह्म) द्वारा बनाया हुआ एक विशाल पिंजरा हैं। इस रचना में सभी प्राणी काल के भोजन स्वरूप बने हुए हैं। ##godmorningsunday #🙏🏻आध्यात्मिकता😇 #🙏कर्म क्या है❓ #🙏गीता ज्ञान🛕 #🙏गुरु महिमा😇