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Laxman Dawani
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Laxman Dawani
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20 घंटे पहले
2122 2122 212 कर दिया घायल नज़र के वार से हम खड़े देखा किये लाचार से रूह तक नीलाम कर दी इश्क में ओ मिला क्या बेवफा उस यार से राहें तकती है निगाहे उनकी भी आ रही है अब सदा उस पार से तोड़ ना पाये चमन से फूल हम मोहब्बत थी उस गुलो गुलजार से तल्ख लहजे में न कर तू गुफ्तगू बात करना सीख लोअब प्यार से जानते हो किस्से तुम भी प्यार के फायदा कुछ भी नहीं तकरार से ( लक्ष्मण दावानी ✍ ) 1/7/2017 #📚कविता-कहानी संग्रह #शायरी #💝 शायराना इश्क़ #✒ शायरी #📜मेरी कलम से✒️
Laxman Dawani
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1 दिन पहले
212 212 212 212 ज़िन्दगी ढल गई अजनबी के लिये उम्र भर हम जिये बस उसी के लिये मयकदा ही मेरा बस ठिकाना बना आते है हम यहाँ ख़ुदकुशी के लिये मयकदा साकी तेरा सलामत रहे और क्या चाहिये मयकशी के लिये ठुकराया हमें सब ने धोखा दे कर हम तरसते रहे हर किसी के लिये प्यासे थे प्यासे ही रह गये हम यहाँ अश्क ही मझे मिले तिश्नगी के लिये प्यार दौलत पे भारी न हुआ कभी खा म खाँ मरते रहे सादगी के लिये सर झुका ही रहा सजदे में उनके ही इम्तहाँ था मेरा बन्दगी के लिये ( एल,डी, ) #📜मेरी कलम से✒️ #✒ शायरी #💝 शायराना इश्क़ #शायरी #📚कविता-कहानी संग्रह
Laxman Dawani
626 ने देखा
2 दिन पहले
212 212 212 2 अपने चहरे से पर्दा हटा दो दर्द - ऐ - दिल कि मेरे दवा दो जल रहे दिल मे अरमान मेरे पहलू में तुम बिठा कर बुझा दो बे असर हो रहीं हर दुआएँ हाथ अपने उठा कर दुआ दो बुझ रहे अब चिरागे मुहब्बत ज़िन्द हाथो से अपने बना दो हर तरह ज़िन्दगी ने सताया तुम गले अपने मुझे लगा दो चुने थे फूल काँटे मिले है फूल फिर मोहब्बत के खिला दो ( लक्ष्मण दावानी ✍ ) 30/6/2017 #📚कविता-कहानी संग्रह #शायरी #💝 शायराना इश्क़ #✒ शायरी #📜मेरी कलम से✒️
Laxman Dawani
5K ने देखा
3 दिन पहले
221 2121 1221 212 समझा न दर्दे दिल तो बताना फिजूल है गैरो को दिल मे अपने बसाना फिजूल है इक तुम्हे देखने को आये बज्म में तेरी आना गुनाह है तो मनाना फिजूल है जो माने ही न इश्के मुहब्बत वफ़ा-ए-दिल उनके लिये ये आँसू बहाना फिजूल है पाबंदे वफ़ा हूँ अब में सफाई नही दूंगा ये फलसफा वफ़ा का सिखाना फिजूल है इल्जाम तो लगा रहे जज्बात पर मेरे अब जख्म तुम्हे दिलके दिखाना फिजूल है खुद में समा के अंधेरे जीता रहा हूँ मै अब दीप मोहब्बत के जलाना फिजूल है ( लक्ष्मण दावानी ✍ ) 30/6/2017 #📜मेरी कलम से✒️ #✒ शायरी #💝 शायराना इश्क़ #शायरी #📚कविता-कहानी संग्रह
Laxman Dawani
592 ने देखा
5 दिन पहले
212 212 212 212 कैद है इश्क इसके सिवा कुछ नही जो फंसा इस में उसकी दवा कुछ नही ला इलाजे मुहब्बत के होते है गम बे असर है दवा ओ दुआ कुछ नही हमने भी कर के देख ली मुहब्बत यहाँ इक जफ़ा के सिवा तो मिला कुछ नही वो नफ़स बन के नस नस में मेरी बसा धड़कनों के सिवा ओ बचा कुछ नही हर दुआ बे असर लौट आई मेरी दर से खुदा के भी तो हुआ कुछ नही दर्द दिल को मिले अश्क आंखों में है मोहब्बत के नशे सा नशा कुछ नही ( लक्ष्मण दावानी ✍ ) 29/6/2017 #📜मेरी कलम से✒️ #✒ शायरी #💝 शायराना इश्क़ #शायरी #📚कविता-कहानी संग्रह
Laxman Dawani
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6 दिन पहले
2122 1212 22/112 इश्के व्यापार हम नही करते जाओ तकरार हम नही करते बैठे है झूठे हर तरफ ग्राहक सब पे एतबार हम नही करते आँखों कारिश्ता खाब से ही है आंखे अब चार हम नही करते साँसे भी तुम पे हम लुटा देते आज इंतज़ार हम नही करते ज़िन्दगी तेरे नाम कर दी थी इस से इन्कार हम नही करते हो लबो पर दुआएँ जिनके भी उन पे ही वार हम नही करते ( लक्ष्मण दावानी ✍ ) 27/6/2017 #📚कविता-कहानी संग्रह #शायरी #💝 शायराना इश्क़ #✒ शायरी #📜मेरी कलम से✒️
Laxman Dawani
603 ने देखा
8 दिन पहले
212 212 212 212 खिलबते - खास की रात होती रहे लज्जते - वस्ल की बात होती रहे तन सेतन का मिलन हो न पाए भले प्यार की बस ये बरसात होती रहे ज़िन्दगी में न हो हिज्र- ए- गम कभी आरजू है , मुलाकात होती रहे जंग ओ इश्क में सब है जायज यहाँ दुश्मनो पर ये आघात होती रहे दिल मे हो बहारें जुबाँ पर ग़ज़ल ओ जहाँ की खिलाफात होती रहे सिलसिला बसयूं चलता रहे उम्रभर उस खुदा की करामात होती रहे ( लक्ष्मण दावानी ✍ ) 27/6/2017 #📚कविता-कहानी संग्रह #शायरी #💝 शायराना इश्क़ #✒ शायरी #📜मेरी कलम से✒️
Laxman Dawani
573 ने देखा
9 दिन पहले
1212 1122 1212 22/112 है हमको अब भी तेरा इंतजार आ जाओ पुकारती है तुम्हे ये बहार आ जाओ बदल गई है सदी , वक़्त भी बदल चुका बदल सका न जोवो मेरा प्यार आ जाओ किराये का न समझ , तुम कुटीर को मेरी है बोझ दिल पे मेरे जो उतार आ जाओ निशाने पर है लगा तीर दिल पे ये तेरा हुऐ है तीरे नजर के शिकार आ जाओ सताते क्यूँ हो मुहब्बत में अपने तुम यारा कदम कदम पेकी ये जांनिसार आजाओ समाये हो नफ़स बन के मेरे नस नस में कभी लहू की मेरे सुन पुकार आ जाओ कभी समझ न सकेतुम मेरी मुहब्बत को कभी तो कर ले मुझपे ऐतबार आ जाओ ( लक्ष्मण दावानी ✍ ) 23/6/2017 #📜मेरी कलम से✒️ #✒ शायरी #💝 शायराना इश्क़ #शायरी #📚कविता-कहानी संग्रह
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