फॉलो करें
Praveen Kumar Yadav
@890154439
308
पोस्ट
242
फॉलोअर्स
Praveen Kumar Yadav
616 ने देखा
6 घंटे पहले
सीमा सुरक्षा बल के बहादुर जवानों को मैं 60 वे स्थापना दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाइयां देता हूं। BSF एक केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल है इसकी स्थापना 1 दिसंबर, 1965 ई को भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद की गई थी। केंद्र सरकार ने 1990 बैच के IPS ऑफिसर दलजीत सिंह चौधरी को सीमा सुरक्षा बल (BSF) का नया महानिदेशक नियुक्त किया है। यह गृह मंत्रालय के अधीन कार्य करता है।भारत सरकार के गृह मंत्री अमित शाह जी हैं,जो 31 मई 2019 से इस पद पर कार्यरत हैं। BSF अधिनियम को वर्ष,1968 ई में संसद द्वारा पारित किया गया BSF अधिनियम,1968 ई की धारा 139 (1) (i) केंद्र सरकार को उसमें निर्दिष्ट उद्देश्यों के लिए किसी भी केंद्रीय अधिनियम के संबंध में बल के सदस्यों को शक्तियां और कर्तव्य प्रदान करने का अधिकार देती है।BSF को अपने अधिकार क्षेत्र में निम्नलिखित शक्तियां प्राप्त हैं - निम्नलिखित मामलों में तलाशी और ज़ब्ती का अधिकार - नशीले पदार्थों की तस्करी अन्य प्रतिबंधित वस्तुओं की तस्करी विदेशियों का अवैध प्रवेश किसी अन्य केंद्रीय अधिनियम के तहत दंडनीय अपराध BSF को केवल "प्रारंभिक पूछताछ" का अधिकार प्राप्त है संदिग्ध व्यक्ति को 24 घंटे के भीतर स्थानीय पुलिस को सौंपना अनिवार्य है। भारत माता की जय। 🙏🫡🫡🇮🇳🇮🇳जय हिन्द जय भारत🇮🇳🇮🇳🫡🫡🙏 #👍 डर के आगे जीत👌 #🥰मोटिवेशन वीडियो #📖जीवन का लक्ष्य🤔 #🌞 Good Morning🌞 #bsf
Praveen Kumar Yadav
538 ने देखा
3 दिन पहले
भारतीय सामाजिक क्रांति के जनक,महान विचारक,लेखक, दार्शनिक,महिलाओं,वंचित वर्गों के उत्थान के लिए आजीवन संघर्षरत एवं अस्पृश्यता,ऊंच-नीच, वर्ण-व्यवस्था और पितृसत्तात्मक सामाजिक व्यवस्था का विरोध करने वाले तथा युगों के मिथ्या पाखंड-आडंबर पर तार्किक व वैज्ञानिक सोच से गहरी चोट देने वाले महान समाज सुधारक एवं सत्यशोधक समाज के संस्थापक महात्मा ज्योतिबा फुले जी की 135 वी पुण्यतिथि पर मैं उन्हे कोटिश: नमन तथा विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।आप ने जो बराबरी और आपसी भाईचारे का सपना देखा था उस सपने को हम सभी संविधान को मानने वाले भारतीय संविधान की मदद से आज साकार कर रहे हैं क्योंकि हमारे देश का संविधान हम लोगों को किसी भी तरह से आपसी भाईचारा बना के रखने में मदद करता है।हमारे संविधान ने देश के हर नागरिक को समान बताया है और समानता का अधिकार भी दिया है।महात्मा फुले ने समय रहते शिक्षा के महत्व को पहचाना. उन्होंने महसूस किया कि बहुजन समाज और उनके आसपास की महिलाएं शिक्षा की कमी के कारण गुलामी में हैं.उन्होंने महिलाओं में शिक्षा का अलख जगाने का फ़ैसला लिया. महात्मा फुले जी ने महिलाओं को शिक्षित करने का कार्य क्यों किया,इस बारे में उन्होंने जो कहा, उसका विवरण कुछ इस तरह है,वे कहते हैं, ''सबसे पहले महिला स्कूल ने मेरा ध्यान खींचा.मेरे ख़्याल से महिलाओं के लिए स्कूल पुरुषों से ज़्यादा अहम थे.इस विचार के मुताबिक महात्मा फुले ने अपने सहयोगियों के साथ 1848 ई में पुणे के भिडेवाड़ा में एक लड़कियों के स्कूल की शुरुआत की.इस आधार पर उन्होंने सुझाव दिया है कि ज्ञान की कमी के चलते बहुजन समाज को दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं का जीवन भर सामना करना पड़ता है.उन्होंने निदान बताते हुए कहा है कि इस दुर्भाग्य की जड़ अज्ञानता है.महात्मा फुले की शिक्षा पहले एक मराठी स्कूल और फिर एक मिशनरी स्कूल में हुई.उनके पिता जी गोविंदराव जी का फूलों का व्यवसाय था.आप ने जो हम भारतीयों को भाईचारे और समानता का रास्ता दिखाया है उसी रास्ते पर चल के हमारा भारत देश फिर से सोने की चिड़िया बन सकता है तथा देश का हर नागरिक संपन्न हो सकता है।शत् शत् नमन🙏🙏🙏 #🌞 Good Morning🌞 #🥰मोटिवेशन वीडियो #📖जीवन का लक्ष्य🤔 #👍 डर के आगे जीत👌 #ज्योतिबा फुले
Praveen Kumar Yadav
607 ने देखा
4 दिन पहले
हिंदी भाषा के सबसे लोकप्रिय कवि स्वर्गीय हरिवंश राय बच्चन जी की 118वी जयंती पर मैं उन्हे कोटिश: नमन तथा विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।27 नवंबर 1907 ई को इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश में जन्में हरिवंश राय बच्चन जी का नाम हरिवंश श्रीवास्तव था।बच्चन जी ने सीधी,सरल भाषा में अपने साहित्यिक रचना की थी। 'मधुशाला', 'आत्म परिचय' 'दिन जल्दी जल्दी ढलता है' आप की प्रसिद्ध रचनाएं हैं।आप ने भारत सरकार के विदेश मंत्रालय में हिंदी विशेषज्ञ के तौर पर भी काम किया था।आप को राज्यसभा के सदस्य के रूप में भी नॉमिनेट किया गया था। हिन्दी कविता की साहित्य अकादमी पुरस्कार,सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार और एफ्रो एशियाई सम्मेलन के कमल पुरस्कार से भी आप को नवाजा गया था।इसके साथ ही आप को साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में 'पद्मभूषण' सम्मान से नवाजा गया था। हरिवंश राय बच्चन जी को उनकी जयंती पर सादर नमन।🙏 शत् शत् नमन 🙏 #👍 डर के आगे जीत👌 #🥰मोटिवेशन वीडियो #📖जीवन का लक्ष्य🤔 #🌞 Good Morning🌞 #हरिवंशराय बच्चन 📖✏
Praveen Kumar Yadav
571 ने देखा
5 दिन पहले
स्वतंत्र भारत के प्रत्येक नागरिक को मैं 76 वे संविधान दिवस की हार्दिक बधाईयां देता हूं। भारत के प्रत्येक स्वतंत्र नागरिक आज,26 नवंबर,2025 को संविधान को अंगीकृत करने की 76 वीं वर्षगांठ मना रहे हैं जो अपने आप में ऐतिहासिक है।26 नवंबर, 1949 के दिन,भारतीय संविधान सभा ने औपचारिक रूप से संविधान को अंगीकृत किया और 26 जनवरी,1950 को इसे लागू किया गया,जिससे भारत को एक संप्रभु, लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में स्थापित किया गया।भारत का संविधान 2 वर्ष 11 माह और 18 दिन में बनकर तैयार हुआ था। संविधान सभा के अस्थायी अध्यक्ष डॉ.सच्चिदानंद सिन्हा जी थे,स्थायी अध्यक्ष डॉ.राजेंद्र प्रसाद जी थे जबकि प्रारूप समिति के अध्यक्ष डॉ.भीम राव अम्बेडकर जी थे।संवैधानिक सलाहकार बी.एन.राव जी थे। डॉ भीमराव अम्बेडकर जी ने कहा था कि हम लोग शुरू से लेकर अंत तक केवल भारतीय है। भारतीय नागरिकों को हमारे संविधान ने छ्ह मौलिक अधिकार दिए है जिनका हम भारतीयों को अनुसरण करना चाहिए जो इस प्रकार है:- समानता का अधिकार : अनुच्छेद 14 से 18 तक। स्वतंत्रता का अधिकार : अनुच्छेद 19 से 22 तक। शोषण के विरुध अधिकार : अनुच्छेद 23 से 24 तक। धार्मिक स्वतंत्रता क अधिकार : अनुच्छेद 25 से 28 तक। सांस्कृतिक तथा शिक्षा सम्बंधित अधिकार : अनुच्छेद 29 से 30 तक। संवैधानिक उपचारों का अधिकार : अनुच्छेद 32 डॉ. बी.आर. अंबेडकर जी ने संवैधानिक उपचारों के अधिकार (अनुच्छेद 32) को "संविधान का हृदय और आत्मा" कहा था। आइए हम सभी भारतीय आज संविधान की प्रस्तावना का शपथ ले तथा संविधान के दिखाए रास्ते पर चलने का संकल्प ले। जय हिन्द जय भारत जय संविधान 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🙏 (My YouTube channel name is Praveen Yadav Basic knowledge). #🌞 Good Morning🌞 #👍 डर के आगे जीत👌 #🥰मोटिवेशन वीडियो #📖जीवन का लक्ष्य🤔 #संविधान
Praveen Kumar Yadav
568 ने देखा
7 दिन पहले
"चलती फिरती आँखों से अज़ाँ देखी है,मैंने जन्नत तो नहीं देखी है माँ देखी है।" "माँ का कोई दिन नहीं होता बल्कि 'माँ' से ही हर दिन होता है" ❤️ Mother is another heaven of earth. 🙏❤️❤️Love u my sweet Momji❤️❤️🙏 #🌞 Good Morning🌞 #🥰मोटिवेशन वीडियो #🙌 Never Give Up #👍 डर के आगे जीत👌 #mother
Praveen Kumar Yadav
539 ने देखा
9 दिन पहले
उत्तर प्रदेश के तीन बार मुख्यमंत्री रहे तथा देश के रक्षामंत्री रहे 'पद्म विभूषण' से सम्मानित धरतीपुत्र स्व माननीय मुलायम सिंह यादव जी की 86 वी जन्मजयंती पर मैं उन्हें कोटिश: नमन तथा विनम्र श्रद्धांजली अर्पित करता हूं।आप का जन्म 22 नवम्बर 1939 ई को इटावा जिले के सैफई गाँव में मूर्ति देवी जी व सुघर सिंह यादव जी के घर किसान परिवार में हुआ था।पहलवानी में अपने राजनीतिक गुरु चौधरी नत्थूसिंह जी को मैनपुरी में आयोजित एक कुश्ती-प्रतियोगिता में प्रभावित करने के पश्चात उन्होंने नत्थूसिंह जी के परम्परागत विधान सभा क्षेत्र जसवन्त नगर से अपना राजनीतिक सफर शुरू किया।राजनीति में आने से पूर्व मुलायम सिंह यादव जी आगरा विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर (एम०ए०) और बी० टी० करने के उपरान्त इन्टर कालेज में प्रवक्ता नियुक्त हुए और सक्रिय राजनीति में रहते हुए नौकरी से त्यागपत्र दे दिया। मुलायम सिंह यादव जी की राष्ट्रवाद,लोकतंत्र, समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता के सिद्धान्तों में अटूट आस्था थी।आप ने राममनोहर लोहिया और जयप्रकाश नारायण जी की विचारधारा को आगे बढ़ाया।आप को भारत सरकार द्वारा मरणोपरांत भारत के दूसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।आप ने मुख्यमंत्री रहते हुए लड़कियों को कन्या विद्याधन,युवाओं को बेरोजगारी भत्ता,लैपटॉप दिया तथा किसानों के हित में अनेकों काम किया।आप ने मुख्यमंत्री रहते हुए उत्तर प्रदेश में मंडल कमीशन की रिपोर्ट लागू किया जिससे पिछड़ो और दलितों को उत्तर प्रदेश में आरक्षण का लाभ मिलने लगा।आजादी के बाद से कई सालों तक अगर सीमा पर कोई जवान शहीद होता था,तो उनका शव घर पर नहीं पहुंचाया जाता था उस समय तक शहीद जवानों की टोपी उनके घर पहुंचाई जाती थी लेकिन जब मुलायम सिंह यादव जी रक्षा मंत्री बने,तब उन्होंने कानून बनाया कि अब से कोई भी सैनिक अगर शहीद होता है तो उसका शव सम्मान के साथ उसके घर तक पहुंचाया जाए जो परंपरा आज भी जारी है इन्हीं सब कामों के लिए आप को धरतीपुत्र कहा जाता है।शत् शत् नमन।भारत माता की जय।एक भारत एकजुट भारत।🇮🇳🇮🇳🇮🇳🤝🕉️☪️🪯✝️🙏 #👍 डर के आगे जीत👌 #🥰मोटिवेशन वीडियो #🙌 Never Give Up #🌞 Good Morning🌞 #✈Last travel memories😎
Praveen Kumar Yadav
461 ने देखा
11 दिन पहले
ग्लोबल वार्मिंग पृथ्वी के वायुमंडल और महासागरों के औसत तापमान में निरंतर वृद्धि की वह प्रक्रिया है जो मुख्यतः मानव-जनित गतिविधियों के कारण हो रही है।यह समस्या आज विश्व स्तर पर पर्यावरणीय संकट का सबसे बड़ा कारण बन चुकी है।औघोगिकीकरण,नगरीकरण और अत्यधिक ऊर्जा उपभोग ने हमारे पर्यावरण में ग्रीनहाउस गैसों की मात्रा में अभूतपूर्व वृद्धि की है,जिससे पृथ्वी का तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है। ग्लोबल वार्मिंग का प्रमुख कारण ग्रीनहाउस गैसों की वृद्धि,औघोगिकीकरण,वनों की कटाई,धान की खेती तथा पशुधन से मीथेन उत्सर्जन है।भारत जलवायु परिवर्तन से सर्वाधिक प्रभावित देशों में से एक है।यहां कृषि,जलस्रोत,स्वास्थ्य और पारिस्थितिकी तंत्र पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है। ग्लोबल वार्मिंग एक वास्तविक और गंभीर चुनौती है जो न केवल पर्यावरण बल्कि मानव सभ्यता के अस्तित्व को प्रभावित कर रही है।इस संकट से निपटने के लिए भारत सरकार और नागरिकों को मिलकर सामूहिक प्रयास करना होगा।पर्यावरण की रक्षा हम सभी की जीवनशैली का हिस्सा बनना चाहिए तभी हम हरित और स्थायी भविष्य की ओर बढ़ सकते हैं।भारत में वायु गुणवत्ता की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है,जहाँ दिल्ली जैसे कुछ शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 'खराब' या 'बहुत खराब' श्रेणी में है।परिचय येल विश्वविद्यालय द्वारा जारी पर्यावरण प्रदर्शन सूचकांक (ईपीआई) में भारत की नवीनतम रैंक 180 देशों में 176वीं है।😭दुखद😭 #🙌 Never Give Up #🥰मोटिवेशन वीडियो #👍 डर के आगे जीत👌 #🌞 Good Morning🌞 #पर्यावरण
Praveen Kumar Yadav
10.2K ने देखा
12 दिन पहले
"बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,खूब लड़ी मर्दानी वो तो झाँसी वाली रानी थी।" देश की आजादी के लिए अंग्रेजो से लोहा लेने वाली महान वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई जी की 197 वी जयंती पर मैं उन्हे कोटिश: नमन तथा विनम्र श्रद्धांजली अर्पित करता हूं।बनारस में 19 नवंबर 1828 ई को जन्मी लक्ष्मीबाई का बचपन का नाम मणिकर्णिका था।प्यार से उन्हें मनु कहा जाता था।उनके पिता मोरोपंत तांबे और मां भागीरथी सप्रे थीं।वह मनु चार साल की थीं,तभी उनकी मां की निधन हो गया।पिता बिठूर जिले के पेशवा बाजी राव द्वितीय के लिए काम करते थे। उन्होंने लक्ष्मी बाई का पालन पोषण किया।इस दौरान उन्होंने घुड़सवारी, तीरंदाजी,शआत्मरक्षा और निशानेबाजी की ट्रेनिंग ली।14 साल की उम्र में 1842 में मनु की शादी झांसी के शासक गंगाधर राव नेवलेकर से कर दी गई।शादी के बाद उनका नाम लक्ष्मीबाई पड़ा।उस दौर में शादी के बाद लड़कियों का नाम बदल जाता था।विवाह के बाद लक्ष्मी बाई ने एक पुत्र को जन्म दिया जिसकी मृत्यु महज चार महीने में ही हो गई। बाद में उनके पति और झांसी के राजा का भी निधन हो गया।पति और बेटे को खोने के बाद लक्ष्मी बाई ने खुद ही अपने साम्राज्य और प्रजा की रक्षा की ठान ली।उस समय ब्रिटिश इंडिया कंपनी के वायसराय डलहौजी ने झांसी पर कब्जे का यह बेहतर समय समझा क्योंकि राज्य की रक्षा के लिए कोई नहीं था।उन्होंने रानी लक्ष्मी बाई पर दबाव बनाना शुरू किया कि झांसी को अंग्रेजी हुकूमत के हवाले कर दें।रानी ने रिश्तेदार के एक बच्चे को अपना दत्तक पुत्र बनाया,जिनका नाम दामोदर था।अंग्रेजी हुकूमत ने दामोदर को झांसी का उत्तराधिकारी मानने से इनकार कर दिया और झांसी का किला उनके हवाले करने को कहा।अंग्रेजों ने साम्राज्य पर कब्जा करने की कोशिश की लेकिन लक्ष्मी बाई ने काशी बाई समेत 14000 बागियों की एक बड़ी फौज तैयार की।23 मार्च 1858 को ब्रिटिश फौज ने झांसी पर आक्रमण कर दिया और 30 मार्च को बमबारी करके किले की दीवार में सेंध लगाने में सफल हुए।17 जून 1858 को लक्ष्मीबाई आखिरी जंग के लिए निकली।पीठ पर दत्तक पुत्र को बांधकर हाथ में तलवार लिए झांसी की रानी ने अंग्रेजों से जंग की।लाॅर्ड कैनिंग की रिपोर्ट के मुताबिक,लक्ष्मीबाई को एक सैनिक ने पीछे से गोली मारी,फिर एक सैनिक ने एक तलवार से उनकी हत्या कर दी।शत् शत् नमन।भारत माता की जय।🇮🇳🇮🇳🇮🇳🙏 #देशभक्ति #🥰मोटिवेशन वीडियो #👍 डर के आगे जीत👌 #🙌 Never Give Up #रानी लक्ष्मीबाई जयंन्ती
See other profiles for amazing content