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#खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी।
खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी। - Aa हास्य व्यंग स्वतंत्र भारत देश में चाल चरित्र चित्रण तक बिकने लग गए मिलावटी माल जब बिक सकता है तो राजनेता पूंजीपति  जण क्यों नहीं बिक सकता है चाहिए खरीददार Filters प्राचीन काल में कम बिकते थे, अब ज्यादा बिकने लग गए, भूख बढ गई, भिखारी नहीं कम हुए दोस्तों Status (Contacts) + # मोहन गर्ग EVM दया Aa हास्य व्यंग स्वतंत्र भारत देश में चाल चरित्र चित्रण तक बिकने लग गए मिलावटी माल जब बिक सकता है तो राजनेता पूंजीपति  जण क्यों नहीं बिक सकता है चाहिए खरीददार Filters प्राचीन काल में कम बिकते थे, अब ज्यादा बिकने लग गए, भूख बढ गई, भिखारी नहीं कम हुए दोस्तों Status (Contacts) + # मोहन गर्ग EVM दया - ShareChat

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