दया मोहन गर्ग
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दया मोहन गर्ग
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डरनाहैतोपहलेमातापितागुरुसेडरेंझूंटनाबोले?
#खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी।
खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी। - 7.X हास्य व्यंग पड़ोसी देशों में और विदेशों में आंतकवादी तथा ठग मारे गए पर हमारे भारत देश में अभी तक एक भी ठग नहीं मरा ज्यादा पैदा हो गए यार 7.X हास्य व्यंग पड़ोसी देशों में और विदेशों में आंतकवादी तथा ठग मारे गए पर हमारे भारत देश में अभी तक एक भी ठग नहीं मरा ज्यादा पैदा हो गए यार - ShareChat
#खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी।
खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी। - 7.X हास्य व्यंग समझ२का फेर है इसी का नाम सम्राट अशोक का देश है पहले छेद वाले पैसे / सिक्के चलते थे वर्तमान में छेदी वाली टूटी फूटी प्रेसे चला लेते हैं लोग यार 7.X हास्य व्यंग समझ२का फेर है इसी का नाम सम्राट अशोक का देश है पहले छेद वाले पैसे / सिक्के चलते थे वर्तमान में छेदी वाली टूटी फूटी प्रेसे चला लेते हैं लोग यार - ShareChat
#खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी।
खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी। - 7.X Rவர डॉक्टर्स को दोषी मत ठहरना रे राजनेता ही इंस्ट्रक्शन देते हैं डेथ बॉडी बना के GSTकी रकम लाश को बेच के वसूल करते हैं 7.X Rவர डॉक्टर्स को दोषी मत ठहरना रे राजनेता ही इंस्ट्रक्शन देते हैं डेथ बॉडी बना के GSTकी रकम लाश को बेच के वसूल करते हैं - ShareChat
#खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी।
खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी। - 7.X हास्य व्यंग जिस नर के कर में खुद की नारी के प्रेस के हैंडल कर में नहीं होते दोनों नरप्रेसें 46 केघर दूसरे बर्बाद करते हैं देश में 46 नया चलन चल रहा है 7.X हास्य व्यंग जिस नर के कर में खुद की नारी के प्रेस के हैंडल कर में नहीं होते दोनों नरप्रेसें 46 केघर दूसरे बर्बाद करते हैं देश में 46 नया चलन चल रहा है - ShareChat
#खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी।
खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी। - 7X हास्य व्यंग जीस क्यारी खेत जंगल बगीचे के तुमने फल खाएं चुराके खाये हैं उनकी सजा तो यहीं पर भुगतनी ही 5 पड़ेगी ध्यान रखना यही आज का संदेश लिए कल के 8 7X हास्य व्यंग जीस क्यारी खेत जंगल बगीचे के तुमने फल खाएं चुराके खाये हैं उनकी सजा तो यहीं पर भुगतनी ही 5 पड़ेगी ध्यान रखना यही आज का संदेश लिए कल के 8 - ShareChat
#खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी।
खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी। - 7.X हास्य व्यंग बंदर झमुरे पार्टी के बिगड़े बोल जिन बंदरों के रहते हुए देश का सौभाग्य नहीं हो सका उस देश का पप्पू के रहने से दुर्भाग्य नहीं हो सकता यह सच है 7.X हास्य व्यंग बंदर झमुरे पार्टी के बिगड़े बोल जिन बंदरों के रहते हुए देश का सौभाग्य नहीं हो सका उस देश का पप्पू के रहने से दुर्भाग्य नहीं हो सकता यह सच है - ShareChat
#खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी।
खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी। - 7.X हास्य व्यंग राम के देश में रावण की प्रथा चल रही है कहीं पर नारी पति का अपमान रही है कहीं पर पति नारी का अपमान कर रहे हैं ৯ যুতা Tad सब में आ रहे हैं 7.X हास्य व्यंग राम के देश में रावण की प्रथा चल रही है कहीं पर नारी पति का अपमान रही है कहीं पर पति नारी का अपमान कर रहे हैं ৯ যুতা Tad सब में आ रहे हैं - ShareChat
#खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी।
खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी। - 7.X हास्य व्यंग खून सब का लाल है उसमें भी बाल है इसीलिए बवाल है समझे अंधभक्तों वक्त पर संभल जाओ वरना जाना तो पड़ेगा हां भर के भी ना करके भी 7.X हास्य व्यंग खून सब का लाल है उसमें भी बाल है इसीलिए बवाल है समझे अंधभक्तों वक्त पर संभल जाओ वरना जाना तो पड़ेगा हां भर के भी ना करके भी - ShareChat
#खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी।
खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी। - 6.X हास्य व्यंग पूरी हकीकत पूरा फंसाना गधे में दिमाग नहीं होता तब भैंसें पाडे सांड में दिमाग कैसे होगा यही राजनीतिज्ञों के हाल है जो सत्ता में बैठे हैं 6.X हास्य व्यंग पूरी हकीकत पूरा फंसाना गधे में दिमाग नहीं होता तब भैंसें पाडे सांड में दिमाग कैसे होगा यही राजनीतिज्ञों के हाल है जो सत्ता में बैठे हैं - ShareChat
#खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी।
खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी। - 6.X हास्य व्यंग चोर उठाईगीरे बेइमान ईमानदार राजनीतिज्ञों से ٤ ٤٤٢ ٤ पूछो ٤j٤ ٤٠٤ मिलावट होती रहे मिलावटी दवाई बेचते बिकवाते रहो अंधभक्त जुड़े रहेंगे 6.X हास्य व्यंग चोर उठाईगीरे बेइमान ईमानदार राजनीतिज्ञों से ٤ ٤٤٢ ٤ पूछो ٤j٤ ٤٠٤ मिलावट होती रहे मिलावटी दवाई बेचते बिकवाते रहो अंधभक्त जुड़े रहेंगे - ShareChat