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हरितालिका तीज - ररितालिका वत कघा श्रीहरितालिका कथा ఇగౌ 1 10 पूजन सामग्री ]| ]| केला , केला स्तम्भ, दूध॰ सुहाग , पिटारी , गंगाजल, दही , तरकीं , चूड़ी , चावल, घी , बिछिया , फूलहार , शक्कर, कंघा , मृत्तिका , शहद, शीशा , चन्दन, कलश , नारा, डोरा, केशर , दीपक, सुरमा , फल, पान, सिंदूर ,  मिस्सी , घूप, कपूर, सुपारी , महाउर की गोली , वस्त्र , এব্ধনান, यज्ञोपवीत , मिठाई हरितालिका तीज ( तीजों ) का व्रत कब और क्यों ? II I( हरितालिका तीज का यह प्रसिद्ध व्रत भादों के शुक्लपक्ष में तृतीया  तृतीया तिथि को किये जाने के कारण स्त्रियों में को किया जाता है हरितालिका वत कथा यह व्रत अधिकतर   तीजों ' नाम से जाना जाता है । कुंवारी लड़कियों में यह व्रत इच्छितवर पाने की आशा से तथा विवाहित स्त्रियाँ सुहाग की रक्षा और पति सुख की कामना करके करती हैं | प्राचीन काल से चल रही मानता है कि इस व्रत को करने वाली स्त्रियाँ पार्वती के समान सुखपूर्वक जीवनयापन करके शिवलोक को प्राप्त होती हैं ।  faez हरितालिका ea || || व्रत करने वाला व्यक्ति सूर्योदय के प्रहले उठे और भगवान शंकरजी  फिर नित्य कर्मों से निवृत्त होकर शिवालय मेंँ जाये का स्मरण करें हो।यदि हो सके ; লিন্য কল ক; जहाँ पूजन करना हो और कथा पढ़नी মুনবী  तो शिव मन्दिर में शिव-्पार्वती पूजन के बन्दनवार इत्यादि एक सुन्दर मेणडप तैंयार कर् लें | सुहाग अनेक पुष्पमालाओं से सुसज्जित ररितालिका वत कघा श्रीहरितालिका कथा ఇగౌ 1 10 पूजन सामग्री ]| ]| केला , केला स्तम्भ, दूध॰ सुहाग , पिटारी , गंगाजल, दही , तरकीं , चूड़ी , चावल, घी , बिछिया , फूलहार , शक्कर, कंघा , मृत्तिका , शहद, शीशा , चन्दन, कलश , नारा, डोरा, केशर , दीपक, सुरमा , फल, पान, सिंदूर ,  मिस्सी , घूप, कपूर, सुपारी , महाउर की गोली , वस्त्र , এব্ধনান, यज्ञोपवीत , मिठाई हरितालिका तीज ( तीजों ) का व्रत कब और क्यों ? II I( हरितालिका तीज का यह प्रसिद्ध व्रत भादों के शुक्लपक्ष में तृतीया  तृतीया तिथि को किये जाने के कारण स्त्रियों में को किया जाता है हरितालिका वत कथा यह व्रत अधिकतर   तीजों ' नाम से जाना जाता है । कुंवारी लड़कियों में यह व्रत इच्छितवर पाने की आशा से तथा विवाहित स्त्रियाँ सुहाग की रक्षा और पति सुख की कामना करके करती हैं | प्राचीन काल से चल रही मानता है कि इस व्रत को करने वाली स्त्रियाँ पार्वती के समान सुखपूर्वक जीवनयापन करके शिवलोक को प्राप्त होती हैं ।  faez हरितालिका ea || || व्रत करने वाला व्यक्ति सूर्योदय के प्रहले उठे और भगवान शंकरजी  फिर नित्य कर्मों से निवृत्त होकर शिवालय मेंँ जाये का स्मरण करें हो।यदि हो सके ; লিন্য কল ক; जहाँ पूजन करना हो और कथा पढ़नी মুনবী  तो शिव मन्दिर में शिव-्पार्वती पूजन के बन्दनवार इत्यादि एक सुन्दर मेणडप तैंयार कर् लें | सुहाग अनेक पुष्पमालाओं से सुसज्जित - ShareChat

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