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#राधे कृष्ण 🌿 कृष्ण: प्रेम, लीला और जीवन का सत्य 🌿 कभी सोचा है — **कृष्ण** सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि **जीवन का अर्थ** हैं। वो बांसुरी की मधुर धुन हैं, जो हर हृदय की पीड़ा को शांत कर देती है। वो माखन चोर हैं, पर साथ ही मन चुराने वाले भी। वो युद्ध के मैदान में खड़े एक सारथी हैं, पर साथ ही धर्म के मार्गदर्शक भी। **कृष्ण का जीवन** हमें यह सिखाता है कि भक्ति केवल मंदिरों में नहीं, बल्कि हर कर्म में, हर प्रेम में, हर सच्चाई में बसती है। --- गोकुल की गलियों में जन्मा वह नन्हा **श्याम**, जिसने अपने छोटे-से कदमों से पूरे संसार के नियम बदल दिए। कहाँ कोई साधारण बालक साँप कालिया के फनों पर नाचता है? कहाँ कोई बालक गोवर्धन पर्वत को अपनी उँगली पर उठा लेता है? पर कृष्ण ने यह सब किया — और किया **मुस्कुराते हुए**, क्योंकि उन्होंने सिखाया — "भय तब तक है, जब तक विश्वास नहीं। जहाँ श्रद्धा है, वहाँ चमत्कार है।" --- जब वे वृंदावन की गलियों में राधा के संग रास रचाते थे, तो वह प्रेम केवल दो आत्माओं का नहीं था, बल्कि **आत्मा और परमात्मा** के मिलन का प्रतीक था। राधा का नाम कृष्ण के बिना अधूरा है, और कृष्ण का अस्तित्व राधा के बिना अधूरा। यह प्रेम सांसारिक नहीं, **आध्यात्मिक** था। वह हमें सिखाता है कि सच्चा प्रेम पाने में नहीं, बल्कि अपने प्रिय में स्वयं को खो देने में है। --- कृष्ण ने कभी किसी से बदला नहीं लिया, पर हर अन्याय का अंत किया। उन्होंने हमें यह बताया कि **"धर्म की रक्षा के लिए अधर्म का विनाश आवश्यक है"।** महाभारत के रणभूमि में उन्होंने अर्जुन को ज्ञान दिया — **“कर्म करो, फल की चिंता मत करो।”** क्योंकि फल की आसक्ति ही दुख का कारण बनती है। कृष्ण का जीवन हमें यही सिखाता है — जो हुआ, वह अच्छे के लिए हुआ, जो हो रहा है, वह भी अच्छे के लिए है, और जो होगा, वह भी निश्चित रूप से अच्छे के लिए होगा। --- जब-जब संसार में अधर्म बढ़ा, कृष्ण ने रूप बदलकर जन-जन के हृदय में जन्म लिया। कभी बालक रूप में, कभी सखा बनकर, कभी मार्गदर्शक बनकर, तो कभी प्रेम रूप में। उनकी बांसुरी की धुन आज भी ब्रज की हवाओं में गूँजती है, और जो भी उस धुन को सुन लेता है, वह संसार की मोह-माया भूल जाता है। --- आज भी जब मन दुखी होता है, जब रास्ते बंद लगते हैं, जब भरोसा टूटता है, तो बस एक नाम हृदय से निकलता है — **“राधे कृष्ण”** 💫 कृष्ण सिखाते हैं कि जीवन का हर संघर्ष, हर दुःख, हर विरह आपको आपकी भक्ति के और करीब लाने का साधन है। कृष्ण कहते हैं — *"जब तुम्हें लगे कि सब खत्म हो गया है, तो समझो, अब ईश्वर की योजना शुरू हुई है।"* --- जो कृष्ण को जान गया, उसने **जीवन को समझ लिया।** क्योंकि कृष्ण केवल पूजा के योग्य नहीं, बल्कि **अनुभव के योग्य हैं।** वो मंदिर की मूर्ति नहीं, बल्कि आत्मा के भीतर का **शाश्वत आनंद** हैं। राधा के बिना कृष्ण अधूरे हैं, और भक्ति के बिना जीवन अधूरा। इसलिए जब भी जीवन में अंधकार हो — कृष्ण को याद करो, क्योंकि वही एकमात्र हैं जो *अंधकार को प्रेम में बदल देते हैं।* “जब जीवन में सब कुछ उलझ जाए, तब कृष्ण की बांसुरी की धुन सुनो — वो सिखा देंगे कि मौन भी भक्ति है, और मुस्कान भी साधना।” 💖 अगर आप भी श्रीकृष्ण को अपना सखा, गुरु और प्रेम मानते हैं तो ❤️ **“जय श्री राधे कृष्ण”** ❤️ लिखकर भक्ति का भाव फैलाइए 🌿 _🌷🌷जय_जय_ _श्रीԶเधे_Զเधे🌷🌷_ _जय_श्रीकृष्ण_जी💐👏💖_ _जय श्रीराधेकृष्ण जी🌷🙏💕_ _प्रणाम 🙏🙏_
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