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#satnam waheguru ji #satnam shri waheguru ji #Meetha Lage Tera bhana
satnam waheguru ji - जिउ मंदर कउ थामै थमनु।। तिउ गुरका सबदु मनहि असथमनु ।। जिउ पाखाणु नाव चड़़ि तरै।। प्राणी गुर चरण लगतु निसतरै।। अर्थःजैसे घरकी छतको ्खंभाम्सहारा देता है॰ वैसे ही गुरू काशब्द मन मै तेरा @గా सहारा है। जैसे पत्थर नावमें चढ़ के भिखारी नदी वगैरा से पार लांघ जाता है॰ वैसे 3 ही गुरू के चरण लगा हुआ आदमी संसार समुंद्र तैर जाता है जैसे दीपक पहाडा अंधकार दूर कर के रौशनी कर देता है, वाले वैसे ही गुरू का दीदारकरके मन में II खिलाव पैदा हो जाता है। साधसंगत की संगति में बैठने से अकाल पुरख ज की ज्योति मनुष्य के अंदर प्रगट होती है। मैं उन संतों के चरणों कीधूड़ मांगता চু जिउ मंदर कउ थामै थमनु।। तिउ गुरका सबदु मनहि असथमनु ।। जिउ पाखाणु नाव चड़़ि तरै।। प्राणी गुर चरण लगतु निसतरै।। अर्थःजैसे घरकी छतको ्खंभाम्सहारा देता है॰ वैसे ही गुरू काशब्द मन मै तेरा @గా सहारा है। जैसे पत्थर नावमें चढ़ के भिखारी नदी वगैरा से पार लांघ जाता है॰ वैसे 3 ही गुरू के चरण लगा हुआ आदमी संसार समुंद्र तैर जाता है जैसे दीपक पहाडा अंधकार दूर कर के रौशनी कर देता है, वाले वैसे ही गुरू का दीदारकरके मन में II खिलाव पैदा हो जाता है। साधसंगत की संगति में बैठने से अकाल पुरख ज की ज्योति मनुष्य के अंदर प्रगट होती है। मैं उन संतों के चरणों कीधूड़ मांगता চু - ShareChat

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