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#☝अनमोल ज्ञान #🕉️सनातन धर्म🚩 🚩उपवास का अर्थ:: 🚩 ✍️अर्थ: "उप" (समीप) और "वास" (बैठना) से बना है, जिसका अर्थ है ईश्वर के समीप बैठना। आध्यात्मिक अभ्यास में अगस्त ऋषि ब्रह्म को धारण ( Perception) कर ईश्वर के चिंतन मनन में लीन रहते हैं जिसको उपवास की संज्ञा दी जाती है l✍️ 🪴भोजन का कुछ समय के लिए त्याग करके ईश्वर की भक्ति में लीन रहना, उनका नाम जपना और स्तुति करना और उसके पश्चात अपने आराध्य का "प्रसाद" ग्रहण करना , जिसे भोजन की संज्ञा नहीं दी जा सकती है l उपवास पूर्ण या आंशिक हो सकता है। यह बहुत छोटी अवधि से लेकर महीनो तक का हो सकता है। 🪴 🚩उपवास का आध्यात्मिक अर्थ - उपवास एक ऐसा तरीका है जिससे हम उन सभी बुरी इच्छाओं पर नियंत्रण करना सीखते हैं। यह बुराई की ओर हमारे झुकाव को परास्त करने और प्रलोभनों पर विजय पाने का एक तरीका है। 🚩 💢वेदांत के दृष्टिकोण से:उपवास का अर्थ केवल भोजन न करना नहीं है।बल्कि इसका गहरा आध्यात्मिक अर्थ है —इंद्रियों का नियंत्रण अर्थात संयम l💢
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