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#खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी।
खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी। - 4.10 हास्य व्यंग राजनीतिज्ञ दलों में खुद की पार्टियों के अंदर खुद में ही भिन्नता/ सामजस्यता का अभाव है फिर वोटर्स एक मत हो ही नहीं सकते हैं 4.10 हास्य व्यंग राजनीतिज्ञ दलों में खुद की पार्टियों के अंदर खुद में ही भिन्नता/ सामजस्यता का अभाव है फिर वोटर्स एक मत हो ही नहीं सकते हैं - ShareChat

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