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#lahar
lahar - HிaK द्वारके द्वार और द्वार और सबके अंत में एक नन्हीं मछली जिसे हवा की ज़रूरत है प्रत्येक द्वार में अकेलापन भरा है प्रत्येक द्वारमें प्रेम का एक चिह्न है जिसे उल्टा पढ़ने परमछली मछली नहीं रहती है आँख हो जाती है आँख आँख नहीं रहती है 3ir: बनकर चल देती है बाहर हवा की तलाश में HிaK द्वारके द्वार और द्वार और सबके अंत में एक नन्हीं मछली जिसे हवा की ज़रूरत है प्रत्येक द्वार में अकेलापन भरा है प्रत्येक द्वारमें प्रेम का एक चिह्न है जिसे उल्टा पढ़ने परमछली मछली नहीं रहती है आँख हो जाती है आँख आँख नहीं रहती है 3ir: बनकर चल देती है बाहर हवा की तलाश में - ShareChat

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