¤♡¤♡  || Misthi ||  ♡¤♡¤
ShareChat
click to see wallet page
@70275418
70275418
¤♡¤♡ || Misthi || ♡¤♡¤
@70275418
Kavita creator
#बहुत कठिन है डगर पनघट की।
बहुत कठिन है डगर पनघट की। - बहुत कठिनहैडयरपनघट की। कैसे मैं भरचाफमधवासे मेटकी मेरे अच्छे निज़ाम पिया | कैसे मैं भरलऊँलधवासे मटकी ज़रा बोलोनिज़ा INII पनिया भरन को मैंजो गई थी। दौड़ झपट मोरी मटकी पटकी| बहुत कठिन है डगर पनघट की। खुसरो निज़ाम के बलनबल जाइए। लाज राखे मेरे घूँघट पट की। कैसे मैं भर लाऊँ मधवा से मटकी बहुत कठिन् है डगर पनघट की। बहुत कठिनहैडयरपनघट की। कैसे मैं भरचाफमधवासे मेटकी मेरे अच्छे निज़ाम पिया | कैसे मैं भरलऊँलधवासे मटकी ज़रा बोलोनिज़ा INII पनिया भरन को मैंजो गई थी। दौड़ झपट मोरी मटकी पटकी| बहुत कठिन है डगर पनघट की। खुसरो निज़ाम के बलनबल जाइए। लाज राखे मेरे घूँघट पट की। कैसे मैं भर लाऊँ मधवा से मटकी बहुत कठिन् है डगर पनघट की। - ShareChat
#आ साजन मोरे नयनन में,
आ साजन मोरे नयनन में, - आ साजन मोरे नयनन में, सो पलक ढाप तोहे दूँ। न मैं देखूँ औरन को, न तोहे देखन दूँ । अपनी छवि बनाई केजो मैं पी के पास गई। जब छवि देखी पीहू की तो अपनी भूल गई। । खुसरो पाती प्रेम की बिरला बाँचे कोय। वेद, कुरान, पोथी पढ़़े, प्रेम बिनकाहोया | संतों की निंदा करे, रखे पर नारी से हत। वे नर ऐसे जाऐंगे , जैसे रणरेही का खेत। | खुसरो सरीर सराय है रचो सोवे सुख चैन। कूच नगारा सांस का, बाजत है दिन रैन। । आ साजन मोरे नयनन में, सो पलक ढाप तोहे दूँ। न मैं देखूँ औरन को, न तोहे देखन दूँ । अपनी छवि बनाई केजो मैं पी के पास गई। जब छवि देखी पीहू की तो अपनी भूल गई। । खुसरो पाती प्रेम की बिरला बाँचे कोय। वेद, कुरान, पोथी पढ़़े, प्रेम बिनकाहोया | संतों की निंदा करे, रखे पर नारी से हत। वे नर ऐसे जाऐंगे , जैसे रणरेही का खेत। | खुसरो सरीर सराय है रचो सोवे सुख चैन। कूच नगारा सांस का, बाजत है दिन रैन। । - ShareChat
#रैनी चढ़ी रसूल की
रैनी चढ़ी रसूल की - रैनी चढ़ी रसूल की सो रंग मौला के हाथ। जिसके कपरे रंग दिए सो धन धन वाके भाग। | खुसरो बाजी प्रेम की मैं खेलूँ पी के संग। जीत गयी तो पिया मोरे हारी पी के संग। | चकवा चकवी दो जने इन मत मारो कोय। ये मारे करतार के रैन बिछोया होय। । खुसरो ऐसी पीत कर जैसे हिन्दू जोय। पूत पराए कारने जल जल कोयला होय।। हिन्दू जन 1 खुसरवा दर इश्क बाजी कम जि माबाश| कज़ बराए मुर्दा मा सोज़द जान एनखेस रा।। उजवल बरन अधीन तन एक चित्त दो ध्यान। देखत में तो साधु है पर निपट पाप की खान।। श्याम सेत गोरी लिए जनमत भई अनीत। एक पल में फिर जात है जोगी काके मीत। | पंखा होकर मैं डुली, साती तेरा चाव। मुझ जलती का जनम गयो तेरे लेखान भाव।। नदी किनारे मैं खड़ी सो पानी झिलमिल होय। रैनी चढ़ी रसूल की सो रंग मौला के हाथ। जिसके कपरे रंग दिए सो धन धन वाके भाग। | खुसरो बाजी प्रेम की मैं खेलूँ पी के संग। जीत गयी तो पिया मोरे हारी पी के संग। | चकवा चकवी दो जने इन मत मारो कोय। ये मारे करतार के रैन बिछोया होय। । खुसरो ऐसी पीत कर जैसे हिन्दू जोय। पूत पराए कारने जल जल कोयला होय।। हिन्दू जन 1 खुसरवा दर इश्क बाजी कम जि माबाश| कज़ बराए मुर्दा मा सोज़द जान एनखेस रा।। उजवल बरन अधीन तन एक चित्त दो ध्यान। देखत में तो साधु है पर निपट पाप की खान।। श्याम सेत गोरी लिए जनमत भई अनीत। एक पल में फिर जात है जोगी काके मीत। | पंखा होकर मैं डुली, साती तेरा चाव। मुझ जलती का जनम गयो तेरे लेखान भाव।। नदी किनारे मैं खड़ी सो पानी झिलमिल होय। - ShareChat
#छाप तिलक सब छीनी रे
छाप तिलक सब छीनी रे - छाप तिलक सब छीनी रे मोसे नैना मिलाइके प्रेम भटी का मदवा पिलाइके मतवारी कर लीन्ही रे मोसे नैना मिलाइके गोरी गोरी बईयाँ , हरी हरी चूड़ियाँ बईयाँ पकड़ धर लीन्ही रे मोसे नैना मिलाइके बल बल जाऊं मैं तोरे रंग रजवा अपनी सी रंग दीन्ही रे मोसे नैना मिलाइके खुसरो निजाम के बल बल जाए मोहे सुहागन कीन्ही रे मोसे नैना मिलाइके मोसे नैना मिलाइके छाप तिलकस्बछीी छाप तिलक सब छीनी रे मोसे नैना मिलाइके प्रेम भटी का मदवा पिलाइके मतवारी कर लीन्ही रे मोसे नैना मिलाइके गोरी गोरी बईयाँ , हरी हरी चूड़ियाँ बईयाँ पकड़ धर लीन्ही रे मोसे नैना मिलाइके बल बल जाऊं मैं तोरे रंग रजवा अपनी सी रंग दीन्ही रे मोसे नैना मिलाइके खुसरो निजाम के बल बल जाए मोहे सुहागन कीन्ही रे मोसे नैना मिलाइके मोसे नैना मिलाइके छाप तिलकस्बछीी - ShareChat
#जब यार देखा नैन भर
जब यार देखा नैन भर - जब यार देखा नैन भर दिल की गई चिंता उतर ऐसा नहीं कोई अजब राखे उसे समझाए कर जब आँख से ओझल भया, तड़पन लगा मेरा जिया हक्का इलाही क्या किया, आँसू चले भर लाय कर | तू तो हमारा यार है, तुझ पर हमारा प्यार है तुझ दोस्ती बिसियार है एक शब मिली तुम आय कर जाना तलब तेरी करूँ दीगर तलब किसकी करूँ तेरी जो चिंता दिल धरूँ, एक दिन मिलो तुम आय कर मेरी जो मन तुम ने लिया , तुम उठा गम को दिया तुमने मुझे ऐसा किया, जैसा पतंगा आग पर खुसरो कहै बातों ग़ज़ब, दिल में न लावे कुछ अजब कुदरत खुदा की है अजब , जब जिव दिया गुल लाय कर जब यार देखा नैन भर दिल की गई चिंता उतर ऐसा नहीं कोई अजब राखे उसे समझाए कर जब आँख से ओझल भया, तड़पन लगा मेरा जिया हक्का इलाही क्या किया, आँसू चले भर लाय कर | तू तो हमारा यार है, तुझ पर हमारा प्यार है तुझ दोस्ती बिसियार है एक शब मिली तुम आय कर जाना तलब तेरी करूँ दीगर तलब किसकी करूँ तेरी जो चिंता दिल धरूँ, एक दिन मिलो तुम आय कर मेरी जो मन तुम ने लिया , तुम उठा गम को दिया तुमने मुझे ऐसा किया, जैसा पतंगा आग पर खुसरो कहै बातों ग़ज़ब, दिल में न लावे कुछ अजब कुदरत खुदा की है अजब , जब जिव दिया गुल लाय कर - ShareChat
#काहे को ब्याहे बिदेस
काहे को ब्याहे बिदेस - काहे को ब्याहे बिदेस, अरे, लखिय बाबुल मोरे काहे को ब्याहे बिदेस भैया को दियो बाबुल महले दो-महले हमको दियो परदेस अरे, लखिय बाबुल मोरे काहे को ब्याहे बिदेस हम तो बाबुल तोरे खूँटे की गैयाँ जित हाँके हॅँक जैहें अरे, लखिय बाबुल मोरे काहे को ब्याहे बिदेस हम तो बाबुल तोरे बेले की कलियाँ घर-्घर माँगे हैं जैहें अरे, लखिय बाबुल मोरे काहे को ब्याहे बिदेस कोठे तले से पलकिया जो निकली बीरन में छाए पछाड़ अरे, लखिय बाबुल मोरे काहे को ब्याहे बिदेस हम तो हैं बाबुल तोरे पिंजरे की चि़ड़ियाँ भोर भये उड़ जैहें काहे को ब्याहे बिदेस, अरे, लखिय बाबुल मोरे काहे को ब्याहे बिदेस भैया को दियो बाबुल महले दो-महले हमको दियो परदेस अरे, लखिय बाबुल मोरे काहे को ब्याहे बिदेस हम तो बाबुल तोरे खूँटे की गैयाँ जित हाँके हॅँक जैहें अरे, लखिय बाबुल मोरे काहे को ब्याहे बिदेस हम तो बाबुल तोरे बेले की कलियाँ घर-्घर माँगे हैं जैहें अरे, लखिय बाबुल मोरे काहे को ब्याहे बिदेस कोठे तले से पलकिया जो निकली बीरन में छाए पछाड़ अरे, लखिय बाबुल मोरे काहे को ब्याहे बिदेस हम तो हैं बाबुल तोरे पिंजरे की चि़ड़ियाँ भोर भये उड़ जैहें - ShareChat
#और तो कोई बस न चलेगा
और तो कोई बस न चलेगा - और तो कोई बस न चलेगा हिज्र के दर्द के मारों का॰ सुबह का होना दूभर कर दें. रस्ता रोक सितारों का। झूठे सिक्कों में भी उठा देते हैं अक्सर सच्चा माल, शक्लें देख के सौदा करना काम है इन बंजारों का। अपनी ज़ुबाँ से कुछन रुहेंगेचुप ही रहेंगे आशिक़ लफ तुम से तो इतना हो सकताहै॰ पूछोपह्ल बेचारों का। एक ज़़रा सी बात थी जिस काचर्चा पहुँचा गली गली गुमनामों ने फिर भी एहसान न माना यारों का। हम दर्द का कहना चीख़ उट्ठो दिल का तक़ाज़ा वज़'अ निभाओ, सब कुछ सहना चुप-्चुप रहना काम है इज़्ज़तदारों का और तो कोई बस न चलेगा हिज्र के दर्द के मारों का॰ सुबह का होना दूभर कर दें. रस्ता रोक सितारों का। झूठे सिक्कों में भी उठा देते हैं अक्सर सच्चा माल, शक्लें देख के सौदा करना काम है इन बंजारों का। अपनी ज़ुबाँ से कुछन रुहेंगेचुप ही रहेंगे आशिक़ लफ तुम से तो इतना हो सकताहै॰ पूछोपह्ल बेचारों का। एक ज़़रा सी बात थी जिस काचर्चा पहुँचा गली गली गुमनामों ने फिर भी एहसान न माना यारों का। हम दर्द का कहना चीख़ उट्ठो दिल का तक़ाज़ा वज़'अ निभाओ, सब कुछ सहना चुप-्चुप रहना काम है इज़्ज़तदारों का - ShareChat
#यह बच्चा कैसा बच्चा है
यह बच्चा कैसा बच्चा है - यह नज़्म एक सूखाग्रस्त , भूखे , मरियल बच्चेने कविसे लिखवाईहै 1 यहबच्चा कैसा बच्चा है बच्चा काला काला सा कालानसा , मटियालानसा यहबच्चा भूखा भूख्ा सा सूखा सूखा सा बच्च बच्चा किसका बच्चा है 54[3 यहबच्चा कैसा बच्चा है जो रेत परतन्हा बैठा है ना इसके पेट में रोदी है 0@ ना इसके तन पर कपड़ाहै ना इसके सर परदोपीहै ननइझकपापसखिलानाह कोई भालू है कोई घोडाहै ना इसका जी बहलाने को कोई लोरी है कोई झूलाहै ना इसकी जेबमें धेलाहै ना इसके हाथमें पैसा है इसके अम्मी अब्बहैं ना यह नज़्म एक सूखाग्रस्त , भूखे , मरियल बच्चेने कविसे लिखवाईहै 1 यहबच्चा कैसा बच्चा है बच्चा काला काला सा कालानसा , मटियालानसा यहबच्चा भूखा भूख्ा सा सूखा सूखा सा बच्च बच्चा किसका बच्चा है 54[3 यहबच्चा कैसा बच्चा है जो रेत परतन्हा बैठा है ना इसके पेट में रोदी है 0@ ना इसके तन पर कपड़ाहै ना इसके सर परदोपीहै ननइझकपापसखिलानाह कोई भालू है कोई घोडाहै ना इसका जी बहलाने को कोई लोरी है कोई झूलाहै ना इसकी जेबमें धेलाहै ना इसके हाथमें पैसा है इसके अम्मी अब्बहैं ना - ShareChat
#और तो कोई बस न चलेगा हिज्र के दर्द के मारों का
और तो कोई बस न चलेगा हिज्र के दर्द के मारों का - और तो कोई बस न चलेगा हिज्र के दर्द के मारों का। सुबह का होना दूभर कर दें रस्ता रोक सितारों का। झूठे सिक्कों में भी उठा देते हैं अक्सर सच्चा माल, शक्लें देख के सौदा करना काम है इन बंजारों का अपनी ज़रुबां से कुछ न कहेंगे चुप ही रहेंगे आशिक़  लोग तुम से तो इतना हो सकता है पूछो हाल बेचारों का। एक ज़़रा सी बात थी जिस का चर्चा पहुंचा गली गली हम गुमनामों ने फिर भी एहसान न माना यारों का। दर्द का कहना चीख उठो दिल का तक़ाज़ा बज़ अ निभाओ सब कुछ सहना चुप चुप रहना काम है इजाज़त दारों का और तो कोई बस न चलेगा हिज्र के दर्द के मारों का। सुबह का होना दूभर कर दें रस्ता रोक सितारों का। झूठे सिक्कों में भी उठा देते हैं अक्सर सच्चा माल, शक्लें देख के सौदा करना काम है इन बंजारों का अपनी ज़रुबां से कुछ न कहेंगे चुप ही रहेंगे आशिक़  लोग तुम से तो इतना हो सकता है पूछो हाल बेचारों का। एक ज़़रा सी बात थी जिस का चर्चा पहुंचा गली गली हम गुमनामों ने फिर भी एहसान न माना यारों का। दर्द का कहना चीख उठो दिल का तक़ाज़ा बज़ अ निभाओ सब कुछ सहना चुप चुप रहना काम है इजाज़त दारों का - ShareChat