परस्परविरोधिन्यो:
एकसंश्रयदुर्लभम् ।
संगतं श्री सरस्वत्यो:
भूयादुद्भूतये सताम् ॥
[ विक्रमोर्वशीय - ५/२४ ]
अर्थात् 👉🏻 परस्पर विरोधिनी लक्ष्मी और सरस्वती का , एक ही स्थान पर कठिनता से पाया जानेवाला मेल सत्पुरुषों की उन्नति करनेवाला हो ।
🌄🌄 प्रभातवंदन 🌄🌄
🌼🌹भाई दूज ( यम द्वितीया ) की हार्दिक मङ्गलकामनाएं🌹🌼
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