#सत्य वचन
🪷 || सत्य का साथ दें || 🪷
सत्य के पक्ष में खड़ा रहना ही जीवन का सबसे बड़ा साहस भी है। जिम्मेदारियों से बचने वाला व्यक्ति ही असत्य का भाषण करता है। वह असत्य की आड़ में अपनी लापरवाही को छुपाने का प्रयास करता है। निश्चित ही असत्य हमें भीतर से कमजोर बना देता है। जो लोग असत्य भाषित करते हैं, उनका आत्मबल भी बड़ा कमजोर होता है। हमें सत्य का आश्रय लेकर एक जिम्मेदार व्यक्ति बनने का सतत प्रयास करना चाहिए।
उदासी में किये गये प्रत्येक कर्म में पूर्णता का अभाव पाया जाता है। हमें प्रयास करना चाहिए कि प्रत्येक कर्म को प्रसन्नता के साथ किया जाए। निष्कपट, निर्दोष और निर्वैर भाव ही हृदय की पवित्रता है। यदि जीवन में कोई बहुत बड़ी उपलब्धि है तो वह हमारे हृदय की पवित्रता है। पवित्र हृदय से किये गये कार्य भी पवित्र ही होते हैं। हमारी जिह्वा में सत्यता हो, चेहरे में प्रसन्नता हो और हृदय में पवित्रता हो तो इससे बढ़कर सुखद एवं श्रेष्ठ जीवन और नहीं हो सकता है।
जय श्री राधे कृष्ण
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