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#खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी।
खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी। - -1- सच लिखना अपराध तो नहीं होता है पर अपराध ठहरा के द्वारा सच को भी असत्य साबित दिया जाता है 6 कर दिया जाता है, इस देश में यही प्रथा वर्तमान में चल रही है। पर्व तीज त्यौंहा र उत्सव आदि से पूर्व और उसके१ -२ दिन पश्चात तक हार्दिक बधाइयां एवं शुभकामनाएं प्रदान की जाती है। इसके पहले और इसके बाद में सत्ताधारी और गैर-सत्ताधारी राजनीतिज्ञों द्वारा खुलकर लूट मचवाई जाती है दवाइयां में मिलावट खाद्य पदार्थों पेय-्पदार्थों में मिलावट , चीनी मंजे का आयात, चीनी फटाकों का आयात किया करवाया जाता है, इसे अनदेखा कर दिया जाता है। -1- सच लिखना अपराध तो नहीं होता है पर अपराध ठहरा के द्वारा सच को भी असत्य साबित दिया जाता है 6 कर दिया जाता है, इस देश में यही प्रथा वर्तमान में चल रही है। पर्व तीज त्यौंहा र उत्सव आदि से पूर्व और उसके१ -२ दिन पश्चात तक हार्दिक बधाइयां एवं शुभकामनाएं प्रदान की जाती है। इसके पहले और इसके बाद में सत्ताधारी और गैर-सत्ताधारी राजनीतिज्ञों द्वारा खुलकर लूट मचवाई जाती है दवाइयां में मिलावट खाद्य पदार्थों पेय-्पदार्थों में मिलावट , चीनी मंजे का आयात, चीनी फटाकों का आयात किया करवाया जाता है, इसे अनदेखा कर दिया जाता है। - ShareChat

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