डॉ. एनी बेसेंट (Dr. Annie Besant) एक प्रख्यात समाज सुधारक, थियोसोफिस्ट (आध्यात्मिक दार्शनिक), लेखिका और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की समर्थक थीं। वह आयरिश मूल की थीं, लेकिन उन्होंने भारत को अपना घर बना लिया और यहां के सामाजिक और राजनीतिक उत्थान के लिए महत्वपूर्ण कार्य किए।
उनके जीवन और कार्यों के कुछ मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:
प्रमुख योगदान और जीवन
जन्म: 1 अक्टूबर, 1847 को लंदन में हुआ।
थियोसोफिकल सोसायटी: वह थियोसोफिकल सोसायटी की सदस्य बनीं और बाद में 1907 में उसकी अध्यक्ष चुनी गईं। भारतीय दर्शन और हिंदू धर्म से अत्यधिक प्रभावित होकर वह 1893 में भारत आईं और यहीं बस गईं।
शिक्षा के क्षेत्र में: उन्होंने 1898 में वाराणसी में सेंट्रल हिंदू स्कूल और कॉलेज की स्थापना की, जो बाद में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) की नींव बना।
होम रूल लीग: उन्होंने भारत में स्वशासन (Home Rule) की मांग को बुलंद करने के लिए 1916 में होम रूल लीग (Home Rule League) की स्थापना की, जिसमें लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक भी शामिल थे।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस: वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) की पहली महिला अध्यक्ष बनीं। उन्होंने 1917 में कलकत्ता अधिवेशन की अध्यक्षता की।
डॉ. एनी बेसेंट ने अपनी पूरी जिंदगी स्वतंत्रता, महिला अधिकारों और गरीबों की सेवा के लिए समर्पित कर दी। वह एक शक्तिशाली वक्ता और लेखिका थीं, जिन्होंने भारत की संस्कृति और सभ्यता के गौरव को पुनर्जीवित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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