अबरार अल्ची जी
🎙️ अबरार अल्वी (Abrar Alvi) जी के बारे में
अबरार अल्वी भारतीय सिनेमा में एक प्रसिद्ध पटकथा लेखक, संवाद लेखक, फिल्म निर्देशक और अभिनेता थे।
उनका नाम विशेष रूप से गुरु दत्त के साथ उनके सहयोग के लिए लिया जाता है, जिन्होंने भारतीय सिनेमा को कुछ सबसे बेहतरीन फिल्में दीं।
🎬 प्रमुख कार्य (गुरु दत्त के साथ)
प्यासा (1957): पटकथा और संवाद लेखक।
कागज़ के फूल (1959): पटकथा, संवाद लेखक और निर्देशक। इस फिल्म को सर्वश्रेष्ठ फिल्म का फिल्मफेयर पुरस्कार मिला था।
चौदहवीं का चाँद (1960): पटकथा, संवाद लेखक और निर्देशक।
साहिब बीबी और गुलाम (1962): पटकथा, संवाद लेखक और निर्देशक। इस फिल्म के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का फिल्मफेयर पुरस्कार मिला था।
अबरार अल्वी जी का निधन 2009 में हुआ।
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#18 November #🗞breaking news🗞 #aaj ki taaja khabar #🗞️🗞️Latest Hindi News🗞️🗞️ #🆕 ताजा अपडेट
धीरेंद्र नाथ गांगुली जी
धीरेंद्र नाथ गांगुली (Dhirendra Nath Ganguly), जिन्हें 'धिरेन गांगुली' या 'डी. जी.' के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय सिनेमा के एक महान व्यक्तित्व थे।
वह एक सफल उद्योगपति, अभिनेता, फिल्म निर्माता-निर्देशक और लेखक थे।
योगदान: उन्हें मुख्य रूप से कॉमेडी फिल्मों के लिए जाना जाता है। उन्होंने कई फिल्म निर्माण कंपनियों की स्थापना की, जिनमें इंडो ब्रिटिश फिल्म कंपनी प्रमुख है।
कार्यक्षेत्र: बाद में वह बंगाल के न्यू थियेटर्स से जुड़े।
सम्मान: भारतीय सिनेमा में उनके अभूतपूर्व योगदान के लिए उन्हें निम्नलिखित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया:
पद्म भूषण (1974)
दादा साहेब फाल्के पुरस्कार (1975)
उनका जन्म 26 मार्च 1893 को कलकत्ता (अब कोलकाता) में हुआ था और निधन 18 नवंबर 1978 को हुआ।
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माधवराव पेशवा जी
नमस्ते! माधवराव पेशवा (माधवराव प्रथम) मराठा साम्राज्य के नौवें पेशवा थे। उन्हें मराठा शक्ति और प्रतिष्ठा को पुनर्स्थापित करने के लिए याद किया जाता है, खासकर पानीपत के तीसरे युद्ध (1761) के बाद आई गिरावट से। उनका संक्षिप्त शासनकाल (1761 से 1772) मराठा साम्राज्य के लिए "मराठा पुनरुत्थान" का काल माना जाता है।
🎖️ मुख्य योगदान और शासन
माधवराव पेशवा के शासनकाल की प्रमुख उपलब्धियाँ और विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:
सत्ता में आना: वह 21 जून 1761 को, अपने पिता बालाजी बाजीराव (नाना साहब) की मृत्यु और पानीपत की हार के बाद, मात्र 16 वर्ष की आयु में पेशवा बने।
प्रशासनिक सुधार: उन्होंने प्रशासन को पुनर्गठित किया, भ्रष्टाचार को कम किया, और साम्राज्य के वित्त को पुनर्जीवित किया। उन्होंने राजस्व संग्रह में सुधार किया और कृषि स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए सुधार लागू किए।
सैन्य विजय: उन्होंने निज़ाम और मैसूर के हैदर अली के खिलाफ सफल सैन्य अभियान चलाए।
निज़ाम के विरुद्ध: उन्होंने 1763 में राक्षसभुवन की लड़ाई में निज़ाम की सेना को निर्णायक रूप से हराया, जिससे दक्कन में मराठा सत्ता बहाल हुई।
हैदर अली के विरुद्ध: उन्होंने हैदर अली पर कई उल्लेखनीय जीत हासिल की (जैसे सिरा और मादगिरी की लड़ाइयाँ), जिससे हैदर अली को मराठों को एक बड़ा युद्ध क्षतिपूर्ति और वार्षिक श्रद्धांजलि देनी पड़ी।
उत्तरी अभियान: उन्होंने उत्तर में मराठा सत्ता को फिर से स्थापित करने के लिए सेना भेजी, जिससे मराठा प्रभाव राजपूतों और जाटों के क्षेत्रों पर फिर से कायम हुआ।
आंतरिक स्थिरता: उन्होंने अपने चाचा रघुनाथराव के साथ आंतरिक चुनौतियों और सत्ता संघर्षों का सामना करने के बावजूद, कुशल कूटनीति से मराठा संघ के भीतर एकता बनाए रखी।
इतिहासकारों ने उनकी बुद्धिमत्ता, संयम और प्रशासनिक दूरदर्शिता की प्रशंसा की है। आर. सी. मजूमदार जैसे इतिहासकारों ने उन्हें "पेशवाओं में सबसे अग्रणी" माना है। #🗞️🗞️Latest Hindi News🗞️🗞️ #aaj ki taaja khabar #🗞breaking news🗞 #🆕 ताजा अपडेट
राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा दिवस
राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा दिवस (National Naturopathy Day) हर साल 18 नवंबर को मनाया जाता है।
यह दिवस भारत में प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देने और लोगों को इसके फायदों के बारे में जागरूक करने के उद्देश्य से मनाया जाता है।
इसका महत्व:
यह दिन 18 नवंबर 1945 की ऐतिहासिक घटना की याद दिलाता है, जब महात्मा गांधी ने अखिल भारतीय प्राकृतिक चिकित्सा फाउंडेशन ट्रस्ट के आजीवन अध्यक्ष के रूप में पदभार संभाला था और विलेख पर हस्ताक्षर किए थे।
महात्मा गांधी को भारत में प्राकृतिक चिकित्सा का संस्थापक व्यक्ति माना जाता है।
इस दिवस की शुरुआत भारत सरकार के आयुष मंत्रालय (Ministry of AYUSH) द्वारा वर्ष 2018 में की गई थी।
यह दिवस औषधिरहित चिकित्सा प्रणाली (drug-free system of medicine) के माध्यम से सकारात्मक मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने पर ज़ोर देता है।
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जांगला शौर्य दिवस
हाँ, रेजांगला शौर्य दिवस प्रत्येक वर्ष 18 नवंबर को मनाया जाता है।
यह दिन 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान लद्दाख में रेजांग ला (Rezang La) दर्रे पर भारतीय सेना की 13वीं कुमाऊं रेजिमेंट की 'चार्ली' कंपनी के 120 वीर जवानों द्वारा किए गए असाधारण शौर्य और बलिदान को याद करने के लिए समर्पित है।
🌟 रेजांगला युद्ध की मुख्य बातें:
तिथि: 18 नवंबर, 1962
स्थान: रेजांग ला (Rezang La), चुशुल घाटी, लद्दाख (उस समय जम्मू-कश्मीर राज्य का हिस्सा)
नेतृत्व: मेजर शैतान सिंह (जिन्हें मरणोपरांत परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया)।
शौर्य गाथा: भारतीय सेना के इन 120 जवानों ने अत्यधिक विषम परिस्थितियों और सीमित संसाधनों के बावजूद, चीनी सेना की एक विशाल टुकड़ी का डटकर मुकाबला किया और बहादुरी से लड़ते हुए अपने प्राणों की आहुति दी।
बलिदान: इस भीषण युद्ध में 120 में से 114 सैनिक शहीद हो गए थे।
स्मरण: हरियाणा के रेवाड़ी शहर में धारूहेड़ा चुंगी के पास स्थित रेजांग लॉ युद्ध स्मारक पर हर साल 18 नवंबर को शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए भव्य समारोह आयोजित किया जाता है।
यह दिवस उन वीर सैनिकों की वीरता, दृढ़ संकल्प और देश के प्रति उनके सर्वोच्च बलिदान की अमर कहानी को याद करने का दिन है।
क्या आप मेजर शैतान सिंह या इस युद्ध से संबंधित किसी अन्य जानकारी के बारे में जानना चाहेंगे? #🗞️🗞️Latest Hindi News🗞️🗞️ #aaj ki taaja khabar #🗞breaking news🗞 #🆕 ताजा अपडेट
विश्व वयस्क दिवस
नमस्ते! विश्व वयस्क दिवस (World Adult Day) हर साल 18 नवंबर को मनाया जाता है।
यह दिवस मुख्य रूप से बढ़ती उम्र की चुनौतियों का सामना करने और वयस्कों को अपने वृद्ध माता-पिता के साथ रहने और उनकी देखभाल करने के लिए प्रोत्साहित करने की एक पहल है।
तिथि: 18 नवंबर
उद्देश्य: उम्र बढ़ने की समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करना और वृद्धजनों के प्रति सम्मान और देखभाल की भावना को बढ़ावा देना।
यह दिन इस बात पर भी जोर देता है कि वयस्क होना सिर्फ उम्र का एक आंकड़ा नहीं, बल्कि जिम्मेदारियों की शुरुआत है, और आधुनिक समाज में वयस्कता की चुनौतियाँ काफी बढ़ गई हैं।
क्या आप इस दिवस के इतिहास या इसके महत्व के बारे में और जानना चाहेंगे? #🗞breaking news🗞 #aaj ki taaja khabar #🗞️🗞️Latest Hindi News🗞️🗞️ #🆕 ताजा अपडेट
शोभना समर्थ जी
शोभना समर्थ (Shobhna Samarth) एक मशहूर भारतीय अभिनेत्री, निर्देशक और निर्माता थीं, जिन्होंने हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के शुरुआती दौर में काम किया और 1950 के दशक तक सक्रिय रहीं।
उनके बारे में कुछ मुख्य जानकारी यहाँ दी गई है:
जन्म: 17 नवंबर 1916, मुंबई
मृत्यु: 9 फरवरी 2000, पुणे
पेशा: अभिनेत्री, निर्देशक, निर्माता
पहली हिंदी फिल्म: 'निगाह-ए-नफरत' (1935)
खास पहचान: उन्हें 1943 की हिंदी फिल्म 'राम राज्य' में सीता के किरदार के लिए सबसे ज्यादा याद किया जाता है।
परिवार:
पति: कुमारसेन समर्थ
बेटियां (अभिनेत्रियां): नूतन और तनुजा
पोते/नातिन (अभिनेता/अभिनेत्री): मोहनीश बहल, काजोल, तनिशा मुखर्जी।
शोभना समर्थ ने अपनी बेटियों नूतन और तनुजा को फिल्मों में लॉन्च करने के लिए कुछ फिल्मों का निर्माण और निर्देशन भी किया था।
क्या आप शोभना समर्थ की किसी खास फिल्म या उनके पारिवारिक जीवन के बारे में और जानना चाहेंगे? #🆕 ताजा अपडेट #🗞️🗞️Latest Hindi News🗞️🗞️ #aaj ki taaja khabar #🗞breaking news🗞 #📢17 नवंबर के अपडेट 🗞️
सनातन धर्म की खास बातों में यह है कि यह एक शाश्वत धर्म है जिसका कोई संस्थापक या अंत नहीं है। इसमें कर्म, पुनर्जन्म और मोक्ष जैसे सिद्धांतों पर बल दिया जाता है, जिसमें प्रकृति और सभी जीवों के प्रति सम्मान और करुणा का भाव है। यह धर्म अत्यंत लचीला और विविध है, जो अलग-अलग मान्यताओं और प्रथाओं को समाहित करता है, जैसे कि विभिन्न देवी-देवताओं, प्रकृति (पेड़-पौधे, पृथ्वी, गाय) की पूजा करना।
मुख्य बातें
कोई संस्थापक नहीं: सनातन धर्म का कोई एक संस्थापक नहीं है, बल्कि यह सृष्टि की शुरुआत से ही है। इसके सिद्धांत वेदों पर आधारित हैं, जो अपौरुषेय माने जाते हैं।
एक सार्वभौम धर्म: इसे एक "शाश्वत धर्म" के रूप में जाना जाता है, जिसका अर्थ है "सदा बना रहने वाला"। यह किसी विशेष समूह तक सीमित नहीं है बल्कि एक सार्वभौम धर्म है।
कर्म और पुनर्जन्म: यह धर्म कर्म के सिद्धांत पर आधारित है, जिसमें यह माना जाता है कि हम जो करते हैं, वैसा ही हमें वापस मिलता है। पुनर्जन्म के चक्र के माध्यम से मोक्ष (मुक्ति) प्राप्त करना इसका अंतिम लक्ष्य है।
विविधता और लचीलापन: सनातन धर्म में विविधता को सम्मान दिया जाता है और यह बहुत लचीला है। इसमें विभिन्न प्रकार की पूजा प्रथाएं शामिल हैं, जैसे देवताओं की मूर्तियों की पूजा के साथ-साथ पेड़-पौधों और नदियों की भी पूजा की जाती है।
प्रकृति और जीवों के प्रति सम्मान: यह धर्म सभी जीवों के प्रति सम्मान सिखाता है। उदाहरण के लिए, गाय को माता के समान माना जाता है।
नैतिक और आध्यात्मिक मूल्य: यह करुणा, अहिंसा, सत्य, ईमानदारी और स्वच्छता जैसे मूल्यों पर जोर देता है।
एकल ईश्वर की अवधारणा: कुछ मान्यताओं के अनुसार, सनातन धर्म में ब्रह्म ही सर्वोच्च और एक ही ईश्वर है, जिसके अनेक रूप हैं #🗞breaking news🗞 #aaj ki taaja khabar #🗞️🗞️Latest Hindi News🗞️🗞️ #🆕 ताजा अपडेट #📢17 नवंबर के अपडेट 🗞️
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