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#खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी।
खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी। - 6X. सचमें उम्र का अनुभव बेईमानों को ढूंढने की जरूरत नहीं होती ईमानदार ढूंढते२ अंतिम स्थान की यात्रा पर चला जाता है प्राणी ना देख पाता ना बोल सुन-पाता सच यही है 6X. सचमें उम्र का अनुभव बेईमानों को ढूंढने की जरूरत नहीं होती ईमानदार ढूंढते२ अंतिम स्थान की यात्रा पर चला जाता है प्राणी ना देख पाता ना बोल सुन-पाता सच यही है - ShareChat

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