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sn vyas
#राधे कृष्ण
हमारो धन (श्री) वृंदावन प्यारी। *खरचत खात घटत नहिं कबहुं बाड़त छिन छिन अति अधिकारी।।* *ताहि को अभिमान सदाई ताहि बल बस कुंजबिहारी।* *श्रीहरीदास जू रसिक शिरोमणि प्राण प्राण मिलि कीनी यारी।।* ...
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