ShareChat
click to see wallet page
⛳ ⛳ ⛳ ⛳ ⛳ ⛳ ⛳ *🙏सादर वन्दे🙏* *🚩धर्मयात्रा🚩* *🌱हनुमानजी का जन्म स्थान , हम्पी , किष्किंधा ,पम्पा सरोवर , शबरी गुफा और मतंगवन 🌱* *हम्पी* *पौराणिक मत के अनुसार हम्पी वही जगह है , जहाँ भगवान हनुमानजी का जन्म हुआ था।* हनुमानजी की जन्मस्थली हम्पी में भगवान राम का भी भव्य मन्दिर है।हम्पी में घाटियों और टीलों के बीच लगभग 500 से भी अधिक स्मारक चिन्ह हैं। इनमें मन्दिर , महल , तहख़ाने , खंडहर , पुराने बाज़ार , शाही मंडप , गढ़ , चबूतरे , राजकोष ऐसी असंख्य इमारतें हैं। हम्पी जाने का सही समय है नवंबर से फरवरी तक। यहाँ फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी की जा सकती है। हम्पी के पास ही तुंगभ्रदा नदी बहती है। जहाँ ब्रह्माजी का बनाया हुआ पम्पा सरोवर , हनुमानजी की जन्मस्थली आंजनाद्रि पर्वत , बाली की गुफा और ऋषम्यूक पर्वत भी स्थित है। हम्पी से करीब तीन कि.मी. की दूरी पर अंजनी ( हनुमानजी की माताजी ) के नाम से एक आन्जनेय पर्वत है और इससे कुछ ही दूरी पर ऋष्यमूक पर्वत स्थित है , जिसे घेरकर तुंगभद्रा नदी बहती है । यहाँ कन्नड़ भाषा बोली जाती है। *हम्पी कैसे जाएँ :---* सड़क मार्ग से जाने पर हुबली से हास्‍पेट 150 कि.मी.एवं हास्‍पेट से हम्‍पी 13 कि.मी.दूर है । कुर्नूल से आने पर , कुर्नूल से बेल्लारी 150 कि.मी एवं बेल्लारी से हम्‍पी 61 कि.मी.है ।हम्पी से आप इन स्थानों की यात्रा पर जा सकते हैं । *किष्किंधा* हास्पेट से 13 कि.मी.दूर हम्पी है , और हम्पी में विजय विठ्ठल मन्दिर के दर्शन करने के बाद , तुंगभद्रा नदी को पार करने पर , ग्राम अनेगुंदी ( किष्किंधा ) है। पम्पा सरोवर एवं हंपी के निकट बसा ग्राम अनेगुंदी ही किष्किंधा है। *वर्तमान समय में कर्नाटक राज्य के बेल्लारी जिले में ही किष्किंधा नगरी है।* बेल्लारी जिले के हम्पी नामक नगर में एक हनुमान मन्दिर स्थापित है। इस मन्दिर में प्रतिष्ठित हनुमानजी को यंत्रोद्धारक हनुमान कहा जाता है। विद्वानों के मतानुसार यही क्षेत्र प्राचीन “ किष्किंधा नगरी ” है जो कि हम्पी से चार कि.मी. की दूरी पर स्थित है । रामायण काल में " किष्किन्धा " वानर राज बालि का राज्य था। किष्किन्धा संभवत: " ऋष्यमूक " की भाँति ही पर्वत था।रामायण के अनुसार किष्किंधा में बालि और तदुपरान्त सुग्रीव ने राज्य किया था। तदुपरान्त माल्यवान तथा प्रस्त्रवणगिरि पर जो किष्किंधा में विरूपाक्ष के मन्दिर से 6 कि.मी. दूर है , इसी स्थान पर श्रीराम ने वर्षा के चार मास व्यतीत किए थे ।ऋष्यमूक पर्वत तथा तुंगभद्रा के घेरे को “चक्रतीर्थ” कहते हैं। किष्किंधा से प्रायः डेढ़ कि.मी .पश्चिम में पंपासर नामक ताल है , जिसके तट पर राम और लक्ष्मण कुछ समय के लिए ठहरे थे। पास ही स्थित सुरोवन नामक स्थान को शबरी का आश्रम माना जाता है। *पम्पा सरोवर* पम्पा सरोवर । सरोवर का अर्थ झील हैं। हम यहाँ पंपा सरोवर की संक्षिप्त जानकारी आज दे रहे हैं । पंपा सरोवर , बंगलुरु के पास हॉस्पेट से तैरह कि.मी.दूर हम्पी के पास है। पंपा सरोवर का महत्व कैलाश मानसरोवर जैसा है। तुंगभद्रा नदी को पार करने पर अनेगुंदी जाते समय मुख्य मार्ग से कुछ हटकर बाईं ओर पश्चिम दिशा में पंपा सरोवर स्थित है। शोधानुसार माना जाता है कि रामायण में वर्णित विशाल पंपा सरोवर यही है । *शबरी की गुफा* पंपा सरोवर के पास पश्चिम में पर्वत के ऊपर कई जीर्ण-शीर्ण मन्दिर दिखाई पड़ते हैं। यहीं पर एक पर्वत है , जहाँ एक गुफा है जिसे शबरी की गुफा कहा जाता है। *मतंगवन* हास्पेट से हम्‍पी जाकर जब आप तुंगभद्रा नदी पार करते हैं तो हनुमनहल्‍ली गाँव की ओर जाते हुए आपको शबरी की गुफा , पंपा सरोवर और वह स्‍थान जहाँ , शबरी राम को बेर खिला रही थी , मिलते है । इसी के पास शबरी के गुरु मतंग ऋषि के नाम पर प्रसिद्ध ' मतंगवन ' था। *आप भी धर्मयात्रा🚩 हेतु जुड़ सकते हैं :* *धर्मयात्रा में दी गई ये जानकारियाँ , मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। यहाँ यह बताना जरूरी है कि , धर्मयात्रा किसी भी तरह की मान्यता , जानकारी की पुष्टि नहीं करता है ।* *🙏शिव🙏9993339605* 🥀🌴🥀🌴🥀🌴🥀 #मंदिर दर्शन
मंदिर दर्शन - बाली गूफा बाली गूफा - ShareChat

More like this