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प्रभु श्री राम के द्वार विभीषण को शरणागति में लेना, मित्र का पद देना, लंका का राज देना, सलाहकार मानना, भाई लक्ष्मण की अनिच्छा के वावजूद विभीषण की सलाह मानकर सागर से विनय करना आदि सब लीलायें उन गुप्तचर राक्षशों ने वानर रूप धारण करके अपनी आंखों से देखी और अब तो जी उनका हृदय प्रभु प्रेम से भर आया और वो तो मन ही मन प्रभु की जयजयकार करने लगे ,रामनाम जपने लगे,आनंद से झूमने लगे, और रामनाम सुमिरन के प्रभाव से उनके अंदर दैविक गुण प्रकट होने लगे। जय श्री राम ##सुंदरकांड पाठ चौपाई📙🚩
#सुंदरकांड पाठ चौपाई📙🚩 - d6T सकल चरित तिन्ह देखे धरें कपट कपि देह| प्रभु गुन हृदपँ सराहहिं सरनागत पर नेह। Iड१ | ]  कर उन्होंने सब लीलाएँ देखीं। से वानर का शरीर धारण कपट वे अपने हृदय में प्रभु के गुणों की और शरणागत पर उनके स्नेह की सराहना करने लगे |51// सदरकाण्द  d6T सकल चरित तिन्ह देखे धरें कपट कपि देह| प्रभु गुन हृदपँ सराहहिं सरनागत पर नेह। Iड१ | ]  कर उन्होंने सब लीलाएँ देखीं। से वानर का शरीर धारण कपट वे अपने हृदय में प्रभु के गुणों की और शरणागत पर उनके स्नेह की सराहना करने लगे |51// सदरकाण्द - ShareChat

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