#राधे कृष्ण
रोज न आइये जो मन मोहन,
तौ यह नेक मतौ सुन लीजिये।
प्रान हमारे तुम्हारे अधीन,
तुम्हैं बिन देखे सु कैसे कै जीजिये॥
'ठाकुर लालन प्यारे सुनौ,
बिनती इतनी पै अहो चित दीजिये।
दूसरे, तीसरे, पांचयें,
आठयें तो भला आइबो कीजिये॥
ठाकुर जी....
राधे राधे राधे राधे राधे राधे....
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