रावण के गुप्तचरों को देखते ही सुग्रीव को श्री हनुमानजी पर लंका में हुए अत्याचार याद आ गए व वो बोले कि हे वीर वानर सैनिकों रावण ने अपने हनुमानजी की पूंछ जलाने की कोशिश की थी, अब ईंट का जवाब पत्थर से देने का वक्त आ गया है, दोनो के अंग भंग करके जीवित वापस लंका भेज दो, बस तुरन्त उनको रस्से से बांध कर वानर दल के चारों और पीटते हुए घुमाया और बोले ध्यान से प्रभु की सेना देख लो, जा कर अच्छे से बखान करना रावण से ताकि उसको अपनी औकात पता लग जाये।
।। राम राम जी।।
##सुंदरकांड पाठ चौपाई📙🚩
![#सुंदरकांड पाठ चौपाई📙🚩 - सुग्रीव सुनहु सब बानर ] 6 अंग भंग करि पठवहु निसिचर | | सुनि सुग्रीव बचन कपि धाए। बाँधि कटक चहु पास फिराए। l२ | [ सुग्रीव ने कहा- सब वानरों ! राक्षसों के अंग-भंग करके सुनो, दूतों को बाँधकर भेज दो। के वचन सुनकर वानर दौडे ! सुग्रीव " उन्होंने सेना के चारों ओर घुमाया| ।५२-२। | सदरकाण्द सुग्रीव सुनहु सब बानर ] 6 अंग भंग करि पठवहु निसिचर | | सुनि सुग्रीव बचन कपि धाए। बाँधि कटक चहु पास फिराए। l२ | [ सुग्रीव ने कहा- सब वानरों ! राक्षसों के अंग-भंग करके सुनो, दूतों को बाँधकर भेज दो। के वचन सुनकर वानर दौडे ! सुग्रीव " उन्होंने सेना के चारों ओर घुमाया| ।५२-२। | सदरकाण्द - ShareChat #सुंदरकांड पाठ चौपाई📙🚩 - सुग्रीव सुनहु सब बानर ] 6 अंग भंग करि पठवहु निसिचर | | सुनि सुग्रीव बचन कपि धाए। बाँधि कटक चहु पास फिराए। l२ | [ सुग्रीव ने कहा- सब वानरों ! राक्षसों के अंग-भंग करके सुनो, दूतों को बाँधकर भेज दो। के वचन सुनकर वानर दौडे ! सुग्रीव " उन्होंने सेना के चारों ओर घुमाया| ।५२-२। | सदरकाण्द सुग्रीव सुनहु सब बानर ] 6 अंग भंग करि पठवहु निसिचर | | सुनि सुग्रीव बचन कपि धाए। बाँधि कटक चहु पास फिराए। l२ | [ सुग्रीव ने कहा- सब वानरों ! राक्षसों के अंग-भंग करके सुनो, दूतों को बाँधकर भेज दो। के वचन सुनकर वानर दौडे ! सुग्रीव " उन्होंने सेना के चारों ओर घुमाया| ।५२-२। | सदरकाण्द - ShareChat](https://cdn4.sharechat.com/bd5223f_s1w/compressed_gm_40_img_373778_205d1efe_1763268371535_sc.jpg?tenant=sc&referrer=pwa-sharechat-service&f=535_sc.jpg)
