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संत गरीबदास जी कृत अमरग्रन्थ के अध्याय अथ मूल ज्ञान की वाणी 62 में कहा गया है: गरीब, प्रथम अन्न जल संयम राखै, योग युक्त सब सतगुरू भाखै। अर्थात अन्न तथा जल को सीमित खावै, न अधिक और न ही कम, यह शास्त्र अनुकूल भक्ति साधना है। इसी का समर्थन गीता अध्याय 6 श्लोक 16 करता है जिसमें कहा है कि ये भक्ति न ही अत्यधिक खाने वाले की और न बिल्कुल न खाने वाले अर्थात् व्रत रखने वाले की सिद्ध होती है।#trending #latest #news #kabir is real god #karwachauth
news - करवा चौथ की सच्चाई संत गरीबदास जी कृत अमरग्रन्थ के अध्याय अथ मूल ज्ञान की वाणी ६२ में कहा गया है गरीब, संयम   राखै, அ gக सतगुरू   भाखै। সথম 315 जल d 3াথনি को सीमित खावै, ন 3ামিক 3ীয ন ৪ী কম, I 6 शास्त्र 315 जल अनुकूल भक्ति साधना है। इसी का মমথন ঠীনা 3াংযায 1|$ करता है 16 6 fdcrgct जिसमें   कहा है किये भक्ति न ही अत्यधिक खाने वाले की और न न सिद्ध होती   है। खाने   वाले अर्थात व्रत रखने वाले की अवश्य पढ़ें पवित्र पुस्तक ज्ञान गंगा | संत रामपाल जी महाराज जी से Sant Rampal Ji Maharaj App Download कीजिये निःशुल्क नामदीक्षा व निःशुल्क  करने के लिये संपर्क सूत्र : +91 7496801823 पुस्तक प्राप्त ' GooglePlay करवा चौथ की सच्चाई संत गरीबदास जी कृत अमरग्रन्थ के अध्याय अथ मूल ज्ञान की वाणी ६२ में कहा गया है गरीब, संयम   राखै, அ gக सतगुरू   भाखै। সথম 315 जल d 3াথনি को सीमित खावै, ন 3ামিক 3ীয ন ৪ী কম, I 6 शास्त्र 315 जल अनुकूल भक्ति साधना है। इसी का মমথন ঠীনা 3াংযায 1|$ करता है 16 6 fdcrgct जिसमें   कहा है किये भक्ति न ही अत्यधिक खाने वाले की और न न सिद्ध होती   है। खाने   वाले अर्थात व्रत रखने वाले की अवश्य पढ़ें पवित्र पुस्तक ज्ञान गंगा | संत रामपाल जी महाराज जी से Sant Rampal Ji Maharaj App Download कीजिये निःशुल्क नामदीक्षा व निःशुल्क  करने के लिये संपर्क सूत्र : +91 7496801823 पुस्तक प्राप्त ' GooglePlay - ShareChat

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