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#☝ मेरे विचार
☝ मेरे विचार - QO ত্রীভা भास्कर सवालः यात्रियों की मानसिक कै हर्जाने का हक दिलाने वाला कानून क्यों नहीं? छ जवाब में ट्रांसपोर्ट मामलों की संसदीय समिति के सदस्यों में से 9 ने कहा - पैसेंजर राइट्स एक्ट बने सांसदों ने भास्कर से कहा.. यात्रियों के हित में सुजीत ठाकुर / एम. रियाज हाशमी | नई दिल्ली  कानून बने, ताकि कंपनियां मनमानी न करें इंडिगो संकट को 7 दिन बीत चुके हैं। T हर दिन हजारों यात्रियों ने मानसिक जो एक एयरलाइंस की मोनोपॉली है एक सेक्टर पर एक ही क्लास में दो पीडा भुगती। प्रारंभिक जांच में इंडिगो সলোৎল ক ক্িযব স নভা সন उसी की वजह से यह दिक्कत है। की ' गंभीर लापरवाही ' सामने आ चुकी इसे तोड़ने की जरूरत है, ताकि सामान्य दिनों में होता है, ऐसा क्यों ? है, लेकिन अब तक कंपनी के खिलाफ डीजीसीए के नियमों का पालन सख्ती से फ्लाइट रद्द हुई तो यात्रियों को तुरंत राहत न तो कोई जुर्माना जैसा कदम उठाया हो। ऐसा होने पर भविष्य में समस्या इस क्यों नहीं मिलती। हमें ऐसा ही नया सख्त गया और न ही पीड़ित यात्रियों को तरह की नहीं होगी। नया कानून बने तो पैसेंजर राइट्स कानून चाहिए, जो बड़ी हर्जाना दिलाने की बात हो रही, क्योकि अच्छा है। राहत दे सके। इमरान प्रतापगढ़ी , देश में यात्रियों के हक सुनिश्चित करने -डॉ. भीम सिंह, भाजपा सांसद कानून अभी नहीं है। दैनिक कांग्रेस सांसद :q | [517 वाला स्पष्ट के इसी दर्द को भास्कर ने यात्रियों एक्सपर्ट विराग गुप्ता, लेकर ट्रांसपोर्ट, पर्यटन और संस्कृति आरकर एडवोकेट,  सुप्रीम कोर्ट संबंधी मामलों की संसदीय समिति के ज्यादा किराया वसूली पर कोर्ट जा सकते हैं यात्री सदस्यों से सीधा सवाल पूछा। इस पर ३१ में से 9 सदस्यों ने एकसुर में कहा कि देश को एक सख्त पैसेंजर राइट्स - क्या किराये पर अंकुश संभव है ? सख्ती से अमल नहीं हो पा रहा। २०१५ में हां है। देश में अभी हवाई सेवा का प्रमुख कानून की जरूरत है, क्योंकि यात्री के इंडिगो के खिलाफ ज्यादा किराया वसूलने की अधिकार अभी नागरिकों की जरूरतों रेगुलेटर डीजीसीए है। किराये की निगरानी शिकायत हुई, लेकिन सीसीआई ने कार्रवाई वही करता है, लेकिन कंपटीशन कमीशन के   लिए से॰  संचालित नहीं की थी। पीड़ित व्यवित सीसीआई की गाइडलाइन होते हैं न कि कानून से। नया कानून इंडिया ( सीसीआई ) के पास भी किराये पर वेबसाइट पर ऑनलाइन या दफ्तर में सीधे की गलती से टिकट कैंसिल अंकुश व कार्रवाई का अधिकार है। कंपटीशन होयरलबंगस्जकीिगलल त्या स्लेटलत फोस्पल शिकायत कर सकता है। पीडा 7 एक्ट २००२ की धारा 4 के तहत एकाधिकार की भरपाई कैसे ? मानसिक के दुरुपयोग की स्थिति यात्रियों के अधिकार सुरक्षित करेगा। या बाजार की शक्ति उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम २०१९ #57 हर्जाने का जिक्र है। एक करोड़ तक के मामले में सीसीआई किसी भी एयरलाइन पर कार्रवाई कंपनियां भी इसका उल्लंघन नहीं कर जिला आयोग और दस करोड़ तक के मामले कर सकता हे। धारा २१ के तहत वह स्वतः पाएंगी। अभी भारत में उड़ान में 2 घंटे से ज्यादा देरी हो तो कंपनी को पूरा राज्य आयोग में दर्ज होते है। शेष | पेज 7 संज्ञान भी ले सकता है। लेकिन, इस पर पैसा रिफंड देना पडता है। शेष | पेज 7 QO ত্রীভা भास्कर सवालः यात्रियों की मानसिक कै हर्जाने का हक दिलाने वाला कानून क्यों नहीं? छ जवाब में ट्रांसपोर्ट मामलों की संसदीय समिति के सदस्यों में से 9 ने कहा - पैसेंजर राइट्स एक्ट बने सांसदों ने भास्कर से कहा.. यात्रियों के हित में सुजीत ठाकुर / एम. रियाज हाशमी | नई दिल्ली  कानून बने, ताकि कंपनियां मनमानी न करें इंडिगो संकट को 7 दिन बीत चुके हैं। T हर दिन हजारों यात्रियों ने मानसिक जो एक एयरलाइंस की मोनोपॉली है एक सेक्टर पर एक ही क्लास में दो पीडा भुगती। प्रारंभिक जांच में इंडिगो সলোৎল ক ক্িযব স নভা সন उसी की वजह से यह दिक्कत है। की ' गंभीर लापरवाही ' सामने आ चुकी इसे तोड़ने की जरूरत है, ताकि सामान्य दिनों में होता है, ऐसा क्यों ? है, लेकिन अब तक कंपनी के खिलाफ डीजीसीए के नियमों का पालन सख्ती से फ्लाइट रद्द हुई तो यात्रियों को तुरंत राहत न तो कोई जुर्माना जैसा कदम उठाया हो। ऐसा होने पर भविष्य में समस्या इस क्यों नहीं मिलती। हमें ऐसा ही नया सख्त गया और न ही पीड़ित यात्रियों को तरह की नहीं होगी। नया कानून बने तो पैसेंजर राइट्स कानून चाहिए, जो बड़ी हर्जाना दिलाने की बात हो रही, क्योकि अच्छा है। राहत दे सके। इमरान प्रतापगढ़ी , देश में यात्रियों के हक सुनिश्चित करने -डॉ. भीम सिंह, भाजपा सांसद कानून अभी नहीं है। दैनिक कांग्रेस सांसद :q | [517 वाला स्पष्ट के इसी दर्द को भास्कर ने यात्रियों एक्सपर्ट विराग गुप्ता, लेकर ट्रांसपोर्ट, पर्यटन और संस्कृति आरकर एडवोकेट,  सुप्रीम कोर्ट संबंधी मामलों की संसदीय समिति के ज्यादा किराया वसूली पर कोर्ट जा सकते हैं यात्री सदस्यों से सीधा सवाल पूछा। इस पर ३१ में से 9 सदस्यों ने एकसुर में कहा कि देश को एक सख्त पैसेंजर राइट्स - क्या किराये पर अंकुश संभव है ? सख्ती से अमल नहीं हो पा रहा। २०१५ में हां है। देश में अभी हवाई सेवा का प्रमुख कानून की जरूरत है, क्योंकि यात्री के इंडिगो के खिलाफ ज्यादा किराया वसूलने की अधिकार अभी नागरिकों की जरूरतों रेगुलेटर डीजीसीए है। किराये की निगरानी शिकायत हुई, लेकिन सीसीआई ने कार्रवाई वही करता है, लेकिन कंपटीशन कमीशन के   लिए से॰  संचालित नहीं की थी। पीड़ित व्यवित सीसीआई की गाइडलाइन होते हैं न कि कानून से। नया कानून इंडिया ( सीसीआई ) के पास भी किराये पर वेबसाइट पर ऑनलाइन या दफ्तर में सीधे की गलती से टिकट कैंसिल अंकुश व कार्रवाई का अधिकार है। कंपटीशन होयरलबंगस्जकीिगलल त्या स्लेटलत फोस्पल शिकायत कर सकता है। पीडा 7 एक्ट २००२ की धारा 4 के तहत एकाधिकार की भरपाई कैसे ? मानसिक के दुरुपयोग की स्थिति यात्रियों के अधिकार सुरक्षित करेगा। या बाजार की शक्ति उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम २०१९ #57 हर्जाने का जिक्र है। एक करोड़ तक के मामले में सीसीआई किसी भी एयरलाइन पर कार्रवाई कंपनियां भी इसका उल्लंघन नहीं कर जिला आयोग और दस करोड़ तक के मामले कर सकता हे। धारा २१ के तहत वह स्वतः पाएंगी। अभी भारत में उड़ान में 2 घंटे से ज्यादा देरी हो तो कंपनी को पूरा राज्य आयोग में दर्ज होते है। शेष | पेज 7 संज्ञान भी ले सकता है। लेकिन, इस पर पैसा रिफंड देना पडता है। शेष | पेज 7 - ShareChat

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