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दोहा आरसी #✒ शायरी
✒ शायरी - दोहा जैसा उस का क्रोध है वैसा उस का प्यार अलग अलग होती नहीं दो-धारी तलवार 3171 मेहता सुशील दोहा जैसा उस का क्रोध है वैसा उस का प्यार अलग अलग होती नहीं दो-धारी तलवार 3171 मेहता सुशील - ShareChat

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