सेलिब्रेशन 24 दिसंबर की रात से ही शुरू हो जाते हैं। जिसे क्रिसमस ईव (Christmas Eve) भी कहा जाता है। क्रिसमस ईव (Christmas Eve) की रात को युवाओं की टोली जिन्हें कैरल्स कहा जाता है। ईसा मसीह के जन्म से जुड़े गीतों को घर-घर जाकर गाते हैं। इसके साथ ही क्रिसमस ईव (Christmas Eve) की रात चर्च(गिरिजाघरों) में प्रभु यीशु के जन्म की कहानी को दर्शाने वाली झांकियां भी सजाई जाती हैं। जिस तरह हमारे देश में दीवाली का त्यौहार 5 दिन तक मनाया जाता है। उसी तरह क्रिसमस (Christmas) का त्योहार भी 1 या 2 दिन नहीं, बल्कि पूरे 12 दिनों तक मनाया जाता है। 25 दिसंबर (25 December) को क्रिश्चियन(ईसाई) धर्म के लोग इस दिन को ईसा मसीह के जन्म दिवस के रूप में मनाते हैं। जबकि 26 दिसंबर को 'बॉक्सिंग डे' (Boxing Day) या 'सेंट स्टीफन डे' के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन सेंट स्टीफन वो पहले ऐसे शख्स थे, जिन्होंने ईसाई धर्म के लिए अपनी जीवन की कुर्बानी दी थी। तभी से इस दिन को
क्रिसमस (Christmas) के अगले दिन सेलिब्रेट करने के लिए मान्यता है।
27 दिसंबर को क्रिसमस (Christmas) का तीसरा दिन सेंट जॉन को समर्पित होता है। सेंट जॉन ईसा मसीह के सहायक और मित्र थे। जिसकी वजह से इस दिन उन्हें याद किया जाता है। जबकि 28 दिसंबर को से जुड़ी मान्यता के मुताबिक किंग हीरोद ने ईसा मसीह को ढूंढते समय कई मासूम लोगों को कत्ल कर दिया था। इस दिन उन्हीं मासूम लोगों को याद कर उनके लिए प्रार्थना की जाती है।क्रिसमस(Christmas) के पाचंवे दिन यानि 29 दिसंबर को सेंट थॉमस को समर्पित किया गया है। सेंट थॉमस, 12वीं सदी में चर्च पर राजा के अधिकार को चुनौती देने पर उन्हें 29 दिसंबर को कत्ल कर दिया गया था. इस दिन क्रिश्चियन समुदाय के लोग उन्हें याद करते हैं। 30 दिसंबर को क्रिश्चियन समुदाय के लोग सेंट ईगविन ऑफ वर्सेस्टर को याद करते हैं।
इसके बाद 31 दिसंबर को पोप सिलवेस्टर डे या न्यू ईयर इव के रूप में मनाया जाता है। माना जाता है कि 31 दिसंबर को पहली बार पोप सिलवेस्टर ने ही न्यू ईयर इव मनाने की शुरूआत की थी,इसलिए तभी से कई यूरोपियन देशों में न्यू ईयर इव सेलिब्रेट किया जाता है। ब्रिटेन में इस दिन को पारंपरिक रूप से गेम्स और खेल-कूद आयोजित किए जाते हैं। 1 जनवरी,क्रिसमस (Christmas) के आठवां दिन मदर मैरी यानि ईसा मसीह की मां को समर्पित किया जाता है। जबकि क्रिसमस (Christmas) के नौवें दिन यानि 2 जनवरी का दिन चौथी सदी के सबसे पहले ईसाई 'सेंट बसिल द ग्रेट' और 'सेंट ग्रेगरी नाजियाजेन' को याद किया जाता है।
3 जनवरी को क्रिसमस (Christmas) के दसवें दिन को ईसा मसीह के नामकरण दिवस के रूप में मनाया जाता है। क्रिश्चियन(ईसाई) धर्म के लोगों की मान्यता है कि इस दिन ईसा मसीह का नाम रखा गया था। जबकि 4 जनवरी को 18वीं और 19वीं सदी की सेंट एलिजाबेथ अमेरिका की पहली महिला संत की याद में मनाया जाता है।
समय और तारीख के अनुसार इसे क्रिसमस का विजिल भी कहा जाता है। इसे आगमन ऋतु की परिणति के रूप में माना जाता है। क्रिसमस डे से पहले क्रिसमस ईव मनाया जाता है। यह ईसा मसीह के जन्म को मनाने से जुड़ा हुआ है लेकिन विभिन्न विद्वानों के बीच ईसा मसीह की वास्तविक जन्म तिथि विवादित रही है।
मध्य-शीतकालीन उत्सव रोमन काल में आयोजित किया गया था। यह समय बहुत सारी पार्टियों और मीरा-मेकिंग के साथ आराम कर रहा था। लोगों को छोटे-छोटे उपहार देना आम बात थी, जैसे बच्चों के लिए गुड़िया और वयस्कों के लिए मोमबत्तियाँ। यह त्योहार शीतकालीन संक्रांति के उत्सव के साथ समाप्त होता है और यह रोमन कैलेंडर में 25 दिसंबर को पड़ता है।
बुतपरस्त काल से ही त्योहारों पर हरियाली से सजना-संवरना एक प्रथा थी, मुख्य रूप से होली, आइवी और मिस्टलेटो से।
#शुभ कामनाएँ 🙏


