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#✍️ साहित्य एवं शायरी #✍️ अनसुनी शायरी #🖊 एक रचना रोज़ ✍ #सोना की जिंदगी कुछ इस तरह
✍️ साहित्य एवं शायरी - मेरे दुश्मन भी मेरे मुरीद है शायद बे_वक्त मेरा नाम लिया करते 4 है... मेरी गली से गुजरते है छुपा के खंजर रु_ब_रु होने पर सलाम किया करते है..!! मेरे दुश्मन भी मेरे मुरीद है शायद बे_वक्त मेरा नाम लिया करते 4 है... मेरी गली से गुजरते है छुपा के खंजर रु_ब_रु होने पर सलाम किया करते है..!! - ShareChat