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#🖋ग़ालिब की शायरी
🖋ग़ालिब की शायरी - भैस डाकिए के में आया था वक्त ग़ालिब, [ एक ख़ाली यादों का लिफ़ाफ़ा दे गया | भैस डाकिए के में आया था वक्त ग़ालिब, [ एक ख़ाली यादों का लिफ़ाफ़ा दे गया | - ShareChat