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#✒ गुलज़ार की शायरी 🖤
✒ गुलज़ार की शायरी 🖤 - आँखोंकेपरदे भीनम हो गएहैं बातों केसिलसिले भी कम हो गए हैं।, पता नहीं गलती किसकी हैं वक़्त बुरा हैं या बुरेहम होगएहैं आँखोंकेपरदे भीनम हो गएहैं बातों केसिलसिले भी कम हो गए हैं।, पता नहीं गलती किसकी हैं वक़्त बुरा हैं या बुरेहम होगएहैं - ShareChat