ShareChat
click to see wallet page
search
#व्रत एवं त्योहार
व्रत एवं त्योहार - मण्डलाकाल प्रारम्भ २०२५ में धनु " मासम के ११ वें अथवा १२ वें मण्डला पूजा सबरीमाला अय्यप्पा मन्दिर दिवस पर मनायी जाती है। मण्डला पूजा भगवान अय्यप्पा के भक्तों द्वारा की जाने वाली ४१ दिवसीय लम्बी तपस्या का अन्तिम दिवस है। यह व्रत मण्डला पूजा से ४१ दिन पूर्व आरम्भ होता है। अतः मलयालम कैलेण्डर के अनुसार यह व्रत वृश्चिकम मासम के प्रथम दिवस से आरम्भ होता है। विलक्कु  यह दोनों सबरीमाला अय्यप्पा मन्दिर के मण्डला पूजा तथा मकर सर्वाधिक लोकप्रिय आयोजन हैं। इन उत्सवों के समय सबरीमाला ्मा अधिकांश दिनों तक भक्तों के लिये खुला रखा जाता है। मण्डलाकाल प्रारम्भ २०२५ में धनु " मासम के ११ वें अथवा १२ वें मण्डला पूजा सबरीमाला अय्यप्पा मन्दिर दिवस पर मनायी जाती है। मण्डला पूजा भगवान अय्यप्पा के भक्तों द्वारा की जाने वाली ४१ दिवसीय लम्बी तपस्या का अन्तिम दिवस है। यह व्रत मण्डला पूजा से ४१ दिन पूर्व आरम्भ होता है। अतः मलयालम कैलेण्डर के अनुसार यह व्रत वृश्चिकम मासम के प्रथम दिवस से आरम्भ होता है। विलक्कु  यह दोनों सबरीमाला अय्यप्पा मन्दिर के मण्डला पूजा तथा मकर सर्वाधिक लोकप्रिय आयोजन हैं। इन उत्सवों के समय सबरीमाला ्मा अधिकांश दिनों तक भक्तों के लिये खुला रखा जाता है। - ShareChat