ShareChat
click to see wallet page
search
#✍मेरे पसंदीदा लेखक #📚कविता-कहानी संग्रह #📗प्रेरक पुस्तकें📘 #✍प्रेमचंद की कहानियां #❤️जीवन की सीख
✍मेरे पसंदीदा लेखक - ये #इंसा है केवल चमन देखता है, सरेराह बेपर्दा #तन देखता है। #पुजारी हुआ जा रहा है, हवस का #कली में भी कमसिन बदन देखता है। जलालत की #हद से गिरा इतना नीचे, कि मय्यत पे बेहतर #कफन देखता है। भरी है दिमागों में क्या #गंदगी सी, ना माँ-बाप #भाई_ बहन देखता है। की ख्वाहिश में #रिश्ते _ भुलाकर, बुलंदी मुकद्दर का अपने #वजन देखता है। ख़ुदी में हुआ #चूर इतना, कहें क्या, पड़ोसी के #घर को ' रहन' देखता है। नहीं "तेज" का #खौफ़ रखता , तूफानों नहीं वक्त की ये #चुभन देखता है। #दुश्मनों सा, हर इक शख्स इसको लगे फ़िजाओं में भी ये #जलन देखता है। हवस की #हनक का हुनर इसमें उम्दा, जमाने को #खुद_ सा_ नगन देखता है। ये #इंसा है केवल चमन देखता है, सरेराह बेपर्दा #तन देखता है। #पुजारी हुआ जा रहा है, हवस का #कली में भी कमसिन बदन देखता है। जलालत की #हद से गिरा इतना नीचे, कि मय्यत पे बेहतर #कफन देखता है। भरी है दिमागों में क्या #गंदगी सी, ना माँ-बाप #भाई_ बहन देखता है। की ख्वाहिश में #रिश्ते _ भुलाकर, बुलंदी मुकद्दर का अपने #वजन देखता है। ख़ुदी में हुआ #चूर इतना, कहें क्या, पड़ोसी के #घर को ' रहन' देखता है। नहीं "तेज" का #खौफ़ रखता , तूफानों नहीं वक्त की ये #चुभन देखता है। #दुश्मनों सा, हर इक शख्स इसको लगे फ़िजाओं में भी ये #जलन देखता है। हवस की #हनक का हुनर इसमें उम्दा, जमाने को #खुद_ सा_ नगन देखता है। - ShareChat