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रुबाई फना बुलंदशहरी #✒ शायरी
✒ शायरी - "रुबाई" हो मुबारक ज़ोह्द वालों को इरम का आसरा मुझ को काफ़ी है तेरे चश्म ओनकरम का आसरा जब से पाया है तेरे लुत्फ़ ओ करम का आसरा तोड़ बैठा हूँ सनम दैर ओन्हरम का आसरा (फना बुलंदशहरी) Wante Motivational Videos App "रुबाई" हो मुबारक ज़ोह्द वालों को इरम का आसरा मुझ को काफ़ी है तेरे चश्म ओनकरम का आसरा जब से पाया है तेरे लुत्फ़ ओ करम का आसरा तोड़ बैठा हूँ सनम दैर ओन्हरम का आसरा (फना बुलंदशहरी) Wante Motivational Videos App - ShareChat