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#शुभ मुहूर्त #पूजन विधि
शुभ मुहूर्त - 05-12-25 पौष माह प्रारम्भ *उत्तर शुक्रवार पंचांग के अनुसार साल के दसवें महीने को पौष का fಕಷ್ಡ [ महीना कहा जाता है, इस मास में हेमंत ऋतु होने से ठंड अधिक होती है। इस माह में प्रतिदिन सूर्यदेव को जल अर्पित करते हुए अँ आदित्याय नमः मन्त्र का जाप करना चाहिये। ऊँ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः पौष मास की पूर्णिमा को चंद्रमा पुष्य नक्षत्र में रहता है इसलिये इस मास को पौष का मास कहा जाता है। इस माह में प्रतिदिन सूर्यदेव को जल करते हुए ऊँ आदित्याय नमः मन्त्र का जाप करना चाहिये। अर्पित पौष महीने में सूर्य धनु राशि में प्रवेश करते हैं, जिसे धनु संक्रांति कहा जाता है। इस अवधि को खरमास भी कहते हैं। पौष माह में भगवान सूर्यनारायण की विशेष पूजा अर्चना से उत्तम स्वास्थ्य और मान सम्मान की प्राप्ति होती 81 पौष माह के दौरान आने वाले हर रविवार को व्रत रखकर तिल, चावल की और गुड़ ' सूर्यनारायण को अर्पित करना शुभ होता है। खिचड़ी 05-12-25 पौष माह प्रारम्भ *उत्तर शुक्रवार पंचांग के अनुसार साल के दसवें महीने को पौष का fಕಷ್ಡ [ महीना कहा जाता है, इस मास में हेमंत ऋतु होने से ठंड अधिक होती है। इस माह में प्रतिदिन सूर्यदेव को जल अर्पित करते हुए अँ आदित्याय नमः मन्त्र का जाप करना चाहिये। ऊँ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः पौष मास की पूर्णिमा को चंद्रमा पुष्य नक्षत्र में रहता है इसलिये इस मास को पौष का मास कहा जाता है। इस माह में प्रतिदिन सूर्यदेव को जल करते हुए ऊँ आदित्याय नमः मन्त्र का जाप करना चाहिये। अर्पित पौष महीने में सूर्य धनु राशि में प्रवेश करते हैं, जिसे धनु संक्रांति कहा जाता है। इस अवधि को खरमास भी कहते हैं। पौष माह में भगवान सूर्यनारायण की विशेष पूजा अर्चना से उत्तम स्वास्थ्य और मान सम्मान की प्राप्ति होती 81 पौष माह के दौरान आने वाले हर रविवार को व्रत रखकर तिल, चावल की और गुड़ ' सूर्यनारायण को अर्पित करना शुभ होता है। खिचड़ी - ShareChat