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#शुभ मुहूर्त #पूजन विधि
शुभ मुहूर्त - 11-12-25 श्री कालभैरव अष्ठमी गुरुवार  के कृष्ण " पक्ष की अष्टमी तिथि को का पर्व हर माह कालाष्टमी है। इस दिन को भैरव अष्टमी या कालाष्टमी के नाम से भी मनाया जाता जाना जाता है, कालाष्टमी के दिन संध्या के समय पीपल के पेड़ के नीचे बैठकर महामृत्युंजय मंत्र की 7 माला जाप करने से सर्वत्र रक्षा होती है। ऊँ श्री कालभैरवाय नमः भगवान शिव के रूद्र रूप बाबा काल भैरव को कालजयी माना जाता है में पूजा ` के प्रमुख  काल भैरव को तंत्र क्रियाओं देवता के रूप जाता है। की पूजा ` नारद पुराण के अनुसार कालभैरव करने से मनुष्य की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है और रोग , पीड़ा़, दुःख से मुक्ति मिलती है। कालाष्टमी के दिन संध्या के समय पीपल के पेड़ के नीचे बैठकर महामृत्युंजय मंत्र की 7 माला जाप करने से सर्वत्र रक्षा होती है। 11-12-25 श्री कालभैरव अष्ठमी गुरुवार  के कृष्ण " पक्ष की अष्टमी तिथि को का पर्व हर माह कालाष्टमी है। इस दिन को भैरव अष्टमी या कालाष्टमी के नाम से भी मनाया जाता जाना जाता है, कालाष्टमी के दिन संध्या के समय पीपल के पेड़ के नीचे बैठकर महामृत्युंजय मंत्र की 7 माला जाप करने से सर्वत्र रक्षा होती है। ऊँ श्री कालभैरवाय नमः भगवान शिव के रूद्र रूप बाबा काल भैरव को कालजयी माना जाता है में पूजा ` के प्रमुख  काल भैरव को तंत्र क्रियाओं देवता के रूप जाता है। की पूजा ` नारद पुराण के अनुसार कालभैरव करने से मनुष्य की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है और रोग , पीड़ा़, दुःख से मुक्ति मिलती है। कालाष्टमी के दिन संध्या के समय पीपल के पेड़ के नीचे बैठकर महामृत्युंजय मंत्र की 7 माला जाप करने से सर्वत्र रक्षा होती है। - ShareChat