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नास्ति मेघसमं तोयम् नास्ति चात्मसमं बलम् । नास्ति चक्षु: समं तेजः नास्ति धान्यसमं प्रियम् ॥ [ चाणक्यनीति ] अर्थात 👉🏻 मेघ के जल के समान दूसरा कोई जल नही , आत्म-बल के समान दूसरा कोई बल नही , चक्षु के समान दूसरा कोई तेज नही तथा अन्न के समान कोई प्रिय नही । 🌄🌄 प्रभातवंदन 🌄🌄 #चाणक्य नीति
चाणक्य नीति - 'Mowing | Good positive attitunte is like 0 perirect sunrise, Zt sets te tone For tke AU % tl rest मैष्केजलकै समान द्ुसण कोई आत्म ्बल कैसमान অলনম্ভী 0 चक्षुकै समान தனிதீப 6 0 ट्वुसण कोईं तेजनह्ी तथाअन्चकै समानकीईप्रियनह्वी 0 (| Have & nice 'Mowing | Good positive attitunte is like 0 perirect sunrise, Zt sets te tone For tke AU % tl rest मैष्केजलकै समान द्ुसण कोई आत्म ्बल कैसमान অলনম্ভী 0 चक्षुकै समान தனிதீப 6 0 ट्वुसण कोईं तेजनह्ी तथाअन्चकै समानकीईप्रियनह्वी 0 (| Have & nice - ShareChat