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શુભ સવાર ના સત્ કૈવલ પરમાત્મા. #📝આધ્યાત્મિક ગુરૂ પરમગુરૂ શ્રીમંત કરુણાસાગર.
📝આધ્યાત્મિક ગુરૂ - स्ना केवल र््चाहेब सव अद्वैता द्वैत नर्र्वेद चिंतामणी ग्रंथ परमगुरु विशेषण बरनानको अंगः ८ तब सरजन ऐक साचके संगी , अंतरभाव सहेता। और सकल सब सुषक ज्ञानीके , करत न हेत   हमेता।I४२ + अनुवादः इसीलिएसृष्टिकर्ता केवल उर्न्हीसे सम्बन्ध रखता है जिनर्में प्रेम सहित आन्तरिक भावनाएँहोती है। अन्य सभी भावनाएँ अज्ञानी और अज्ञानी को कभीप्रिय नर्ही होर्ती। ्सार : इसलिए, सृष्टिकर्ता उन भर्क्तों से प्रसन्न होते हैंजो प्रेम ओर भक्तिसे प्रार्थना करते हें। अन्य लोग भक्तिहीन हेंवह उन पाखंडि्योंके प्रति कभी कोई स्नेह नर्हीदिखातेजो दिखावे केलिए ज्ञान कादिखावा करते हैं ओरजो भक्तिका दिखावा करते हें। सत् कैवल परमात्मा Govindi स्ना केवल र््चाहेब सव अद्वैता द्वैत नर्र्वेद चिंतामणी ग्रंथ परमगुरु विशेषण बरनानको अंगः ८ तब सरजन ऐक साचके संगी , अंतरभाव सहेता। और सकल सब सुषक ज्ञानीके , करत न हेत   हमेता।I४२ + अनुवादः इसीलिएसृष्टिकर्ता केवल उर्न्हीसे सम्बन्ध रखता है जिनर्में प्रेम सहित आन्तरिक भावनाएँहोती है। अन्य सभी भावनाएँ अज्ञानी और अज्ञानी को कभीप्रिय नर्ही होर्ती। ्सार : इसलिए, सृष्टिकर्ता उन भर्क्तों से प्रसन्न होते हैंजो प्रेम ओर भक्तिसे प्रार्थना करते हें। अन्य लोग भक्तिहीन हेंवह उन पाखंडि्योंके प्रति कभी कोई स्नेह नर्हीदिखातेजो दिखावे केलिए ज्ञान कादिखावा करते हैं ओरजो भक्तिका दिखावा करते हें। सत् कैवल परमात्मा Govindi - ShareChat