ગોવિંદજી ઠાકોર
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ગોવિંદજી ઠાકોર
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सत् कैवल परमात्मा
શુભ સવાર ના સત્ કૈવલ પરમાત્મા. #📝આધ્યાત્મિક ગુરૂ પરમગુરૂ શ્રીમંત કરુણાસાગર.
📝આધ્યાત્મિક ગુરૂ - सना केवल स्ाहेब (೦' அகுவப Sads fவபஅஜீவ परमग्रुल विशेषणा बरनानको अंग४ ८ त्यौ गिखाण ढच्चार दीख लध्रु वूचन पाकृतही] गुणिल निज कर्ता तो हेतनु लहत ऐक, नॅँ घीरा कक्रतही] ४१ =33qIG: इसी प्रकार, यदि बड़े पुत्र संस्कृत और छोटे पुत्र प्राकृत बोलते हों, तो भी कर्म करने वाला व्यक्ति उद्देश्यको समझ लेता है। ।वे। वाणी से आकर्षित नहीं होते। HR; इसी प्रकार , देवी देवता भी ज्येष्ठ पुत्रों की तरह व्याकरणिक संस्कृत । देववाणी। बोलते हैं, जबकि सामान्य मनुष्य अपनी व्यावहारिक प्राकृत वाणी बोलता है। इस प्रकार, वे सभी प्रार्थना , स्तुति या आराधना केमाध्यम से सृष्टिकर्ताकी आराधना करते हैं । परन्तु सृष्टिकर्ता वाणी परविचार करने से प्रसन्न नहीं होते। वे तो भक्तों के शुद्ध भावों का अवलोकन करके और उनकी हार्दिक भक्तिको स्वीकारकरके ही प्रसन्न होते हैं। सत् कैवल परमात्मा Couindii सना केवल स्ाहेब (೦' அகுவப Sads fவபஅஜீவ परमग्रुल विशेषणा बरनानको अंग४ ८ त्यौ गिखाण ढच्चार दीख लध्रु वूचन पाकृतही] गुणिल निज कर्ता तो हेतनु लहत ऐक, नॅँ घीरा कक्रतही] ४१ =33qIG: इसी प्रकार, यदि बड़े पुत्र संस्कृत और छोटे पुत्र प्राकृत बोलते हों, तो भी कर्म करने वाला व्यक्ति उद्देश्यको समझ लेता है। ।वे। वाणी से आकर्षित नहीं होते। HR; इसी प्रकार , देवी देवता भी ज्येष्ठ पुत्रों की तरह व्याकरणिक संस्कृत । देववाणी। बोलते हैं, जबकि सामान्य मनुष्य अपनी व्यावहारिक प्राकृत वाणी बोलता है। इस प्रकार, वे सभी प्रार्थना , स्तुति या आराधना केमाध्यम से सृष्टिकर्ताकी आराधना करते हैं । परन्तु सृष्टिकर्ता वाणी परविचार करने से प्रसन्न नहीं होते। वे तो भक्तों के शुद्ध भावों का अवलोकन करके और उनकी हार्दिक भक्तिको स्वीकारकरके ही प्रसन्न होते हैं। सत् कैवल परमात्मा Couindii - ShareChat
શુભ સવાર ના સત્ કૈવલ સાહેબ. #📝આધ્યાત્મિક ગુરૂ પરમગુરૂ શ્રીમંત કરુણાસાગર.
📝આધ્યાત્મિક ગુરૂ - ०] कध सक्रत स्वरज कळ्पेश केवल कर्त र्व दृम्ामनि ]] धकळ &श छपूजावनूके दीज्च, करा कारनू ಪತ್ರ खवीदा प्ावदा करणी नैही '@ಮಪಾ;} qciaasIi8oII @@कि@िर्शथ.शिद्वतः२२ దం ০ @லஸ SS 39 Sf கeி ஒR Qau ஒi2l @ बेकाषी ग्रथाूथी @ Cदावेदो @ @ P७वदिनो छे॰ Cuड८ 9ಞ] @1 ಖ91l ಉಇಿರ 1ತ ಬ೦೪ತಆೊ d @ थश 022 (39q ಣಬ93r4 83318 ಸತತೆ @tತಿಬ೨ ಊಬ3 ಣಂ S2ಖ 2uo2 सनू कैवल साहेब शुकष प्रभात आपका दिन आर्नदितच्हेए Gouuju ०] कध सक्रत स्वरज कळ्पेश केवल कर्त र्व दृम्ामनि ]] धकळ &श छपूजावनूके दीज्च, करा कारनू ಪತ್ರ खवीदा प्ावदा करणी नैही '@ಮಪಾ;} qciaasIi8oII @@कि@िर्शथ.शिद्वतः२२ దం ০ @லஸ SS 39 Sf கeி ஒR Qau ஒi2l @ बेकाषी ग्रथाूथी @ Cदावेदो @ @ P७वदिनो छे॰ Cuड८ 9ಞ] @1 ಖ91l ಉಇಿರ 1ತ ಬ೦೪ತಆೊ d @ थश 022 (39q ಣಬ93r4 83318 ಸತತೆ @tತಿಬ೨ ಊಬ3 ಣಂ S2ಖ 2uo2 सनू कैवल साहेब शुकष प्रभात आपका दिन आर्नदितच्हेए Gouuju - ShareChat
શુભ સવાર ના સત્ કૈવલ પરમાત્મા. #📝આધ્યાત્મિક ગુરૂ પરમગુરૂ શ્રીમંત કરુણાસાગર.
📝આધ્યાત્મિક ગુરૂ - GqSGவேபடுவ 5 अद्वेना द्वेत नर्खेद चिंतामणी ्रथ ಟಿ್ರ್ಟನ [ತಔಿತu ತಳಪೆ ತuಃ & ज्यौ मातनकु बाल बराबर, दीरग लध्नु समू सोई। दोहुनके उचरन श्रॅवणीत हीत, अधिक न्युन नही कोई]१४०  : अनुवादः जेसे एक माँ अपने बर्च्चों से, चाहेवे बड़े र्हों या छोटे, प्यारकरती है। वह उनकी बार्तें सुनकर उन्हेंकम बराबर याज़्यादा प्यारनहीं करती। پ٦؛ जेसे एकमाँ अपने सभी बर्च्चोके साथ समान व्यवहारकरती है, चाहेवे छोटे ्होंया बड़़े। इसीलिए सभी बच्चे समान होते हैं। बड़ेबच्चे अपनी बात स्पष्ट रूप से कह देते हे, जबकि छोटे बच्चे अभी पूरी तरह बोलना नरहीं सीख पाएहोते, फिरभीवे अपनी भाषा में बहुत कुछबता देते माँको अपनी अस्पष्ट हैं। हालौँकि, मोँबच्चेके हाव भाव से उनकी दोर्नों बार्तें अच्छी तरह समझ लेती है। वह।मौँl कभी भी छोटे याबड़़ेबर्च्चोको कम याज़्यादा प्यारनहीं करती। इस प्रकार, मोँ प्यार और स्नेह से उनकी ज़रूर्तोंको पूरा करके दोर्नों |छोटे औरबड़े।को समान रूप से खुश रखती है। सत् कैवल परमात्मा Govindi GqSGவேபடுவ 5 अद्वेना द्वेत नर्खेद चिंतामणी ्रथ ಟಿ್ರ್ಟನ [ತಔಿತu ತಳಪೆ ತuಃ & ज्यौ मातनकु बाल बराबर, दीरग लध्नु समू सोई। दोहुनके उचरन श्रॅवणीत हीत, अधिक न्युन नही कोई]१४०  : अनुवादः जेसे एक माँ अपने बर्च्चों से, चाहेवे बड़े र्हों या छोटे, प्यारकरती है। वह उनकी बार्तें सुनकर उन्हेंकम बराबर याज़्यादा प्यारनहीं करती। پ٦؛ जेसे एकमाँ अपने सभी बर्च्चोके साथ समान व्यवहारकरती है, चाहेवे छोटे ्होंया बड़़े। इसीलिए सभी बच्चे समान होते हैं। बड़ेबच्चे अपनी बात स्पष्ट रूप से कह देते हे, जबकि छोटे बच्चे अभी पूरी तरह बोलना नरहीं सीख पाएहोते, फिरभीवे अपनी भाषा में बहुत कुछबता देते माँको अपनी अस्पष्ट हैं। हालौँकि, मोँबच्चेके हाव भाव से उनकी दोर्नों बार्तें अच्छी तरह समझ लेती है। वह।मौँl कभी भी छोटे याबड़़ेबर्च्चोको कम याज़्यादा प्यारनहीं करती। इस प्रकार, मोँ प्यार और स्नेह से उनकी ज़रूर्तोंको पूरा करके दोर्नों |छोटे औरबड़े।को समान रूप से खुश रखती है। सत् कैवल परमात्मा Govindi - ShareChat
શુભ સવાર ના સત્ કૈવલ સાહેબ. #📝આધ્યાત્મિક ગુરૂ પરમગુરૂ શ્રીમંત કરુણાસાગર.
📝આધ્યાત્મિક ગુરૂ - পত্রমবয্কডকিীঘ]দিব্নদনী নিরনসণি [[ I अनच्पमा सोद कहीन सकत कीन ज्यो मर्णीकेपन अंतुः "कर्ता केनीज अंश परम हिन जिचते अकळजनतः IDRIl Hmu ; ARRL LR.Izz ೫೦೫೪ ೊmn H HH1 ಹ GTTಖN aIV bady ಖr4u, Hum 1 4 I 4131 ಖ99s lued1u . 131855 ete' 0 Erl ٥٥٩٢٠٥٥٤ ٢٧ +41. Na3ಖq H1ud ERIRIPIR सत केवल शुभ प्भात amafHHrrಏu পত্রমবয্কডকিীঘ]দিব্নদনী নিরনসণি [[ I अनच्पमा सोद कहीन सकत कीन ज्यो मर्णीकेपन अंतुः "कर्ता केनीज अंश परम हिन जिचते अकळजनतः IDRIl Hmu ; ARRL LR.Izz ೫೦೫೪ ೊmn H HH1 ಹ GTTಖN aIV bady ಖr4u, Hum 1 4 I 4131 ಖ99s lued1u . 131855 ete' 0 Erl ٥٥٩٢٠٥٥٤ ٢٧ +41. Na3ಖq H1ud ERIRIPIR सत केवल शुभ प्भात amafHHrrಏu - ShareChat
શુભ સવાર ના સત્ કૈવલ પરમાત્મા. #📝આધ્યાત્મિક ગુરૂ પરમગુરૂ શ્રીમત્ કરૂણાસાગર.
📝આધ્યાત્મિક ગુરૂ - कैवल साहेब GG अम 07 CIC अद्वैता द्वैत नर्खेद चिंतामणी ग्रंथ पख्मप्रुच्ज विशेष्णा बख्दनकी &ग४ ८ अब कोई धरो मान मत जिनके, व्याकरण के वेतु। प्रेम सहेतुII३९ क्या मनुष्य क्या देवन उचरन। प्रभुतो ?ঔন্তুত্াত্র: अब, हेव्याकरण केजानका्रों ! इस परगर्व मतकरो। क्योकि चाहे मनुर्ष्योंकी भाषा बोली जाएया परमेश्वरकी, प्रभु प्रेम और स्नेहको देखता है। {HR: किसी भी वैयाकरण याविद्वानको भाषा का अभिमान नहीं करना चाहिए। क्योंकि चाहे मनुष्य अपनी भाषा र्में पूजा या जप करे, या देवता अपनी दिव्य भाषा संस्कृत में पूजा या प्रार्थना कर्रें, परन्तु भगवान भक्तकी भक्तिसे जुड़े प्रेम ओरमन र्में उनसे मिलने की चाहत को देखकरप्रसन्न होते हैं। सतू कैवल परमात्मा Govindji कैवल साहेब GG अम 07 CIC अद्वैता द्वैत नर्खेद चिंतामणी ग्रंथ पख्मप्रुच्ज विशेष्णा बख्दनकी &ग४ ८ अब कोई धरो मान मत जिनके, व्याकरण के वेतु। प्रेम सहेतुII३९ क्या मनुष्य क्या देवन उचरन। प्रभुतो ?ঔন্তুত্াত্র: अब, हेव्याकरण केजानका्रों ! इस परगर्व मतकरो। क्योकि चाहे मनुर्ष्योंकी भाषा बोली जाएया परमेश्वरकी, प्रभु प्रेम और स्नेहको देखता है। {HR: किसी भी वैयाकरण याविद्वानको भाषा का अभिमान नहीं करना चाहिए। क्योंकि चाहे मनुष्य अपनी भाषा र्में पूजा या जप करे, या देवता अपनी दिव्य भाषा संस्कृत में पूजा या प्रार्थना कर्रें, परन्तु भगवान भक्तकी भक्तिसे जुड़े प्रेम ओरमन र्में उनसे मिलने की चाहत को देखकरप्रसन्न होते हैं। सतू कैवल परमात्मा Govindji - ShareChat
શુભ સવાર ના સત્ કૈવલ સાહેબ. #📝આધ્યાત્મિક ગુરૂ પરમગુરૂ શ્રીમત્ કરૂણાસાગર
📝આધ્યાત્મિક ગુરૂ - T CUCINCRCEREUKCECCE~GTEeTడ TT एही नवेरकीन अंशनके, न्यारेन्यारनीरुपा; | जेही जीनकी जम जान जनाइत, परमसहीत अनुपा. II३८ I* भावार्थ#   @@िद्वि@ि शीया. शिद्धांतः२२ ~lldlalulla (giu; ~Hunls-aRBugIsg ' %थंशनी %% %१२ &ती ते%र्भें तेग्रभापळपावी छेतथा प२भ विशेष %थंश छे, तेने ढपभाथ्ीथर्थवतव शषाथ तेभ नथी. auEREEalడడsalumuRR सनू कैवल साहेब शुभष प्रक्षात आपका दिन मंगलमय रहे। (ouudt T CUCINCRCEREUKCECCE~GTEeTడ TT एही नवेरकीन अंशनके, न्यारेन्यारनीरुपा; | जेही जीनकी जम जान जनाइत, परमसहीत अनुपा. II३८ I* भावार्थ#   @@िद्वि@ि शीया. शिद्धांतः२२ ~lldlalulla (giu; ~Hunls-aRBugIsg ' %थंशनी %% %१२ &ती ते%र्भें तेग्रभापळपावी छेतथा प२भ विशेष %थंश छे, तेने ढपभाथ्ीथर्थवतव शषाथ तेभ नथी. auEREEalడడsalumuRR सनू कैवल साहेब शुभष प्रक्षात आपका दिन मंगलमय रहे। (ouudt - ShareChat
શુભ સવાર ના સત્ કૈવલ પરમાત્મા. #📝આધ્યાત્મિક ગુરૂ પરમગુરૂ શ્રીમંત કરુણાસાગર.
📝આધ્યાત્મિક ગુરૂ - सन्ा कैबाल र्घाहेब अद्वैता द्वैत नर्र्वेद चिंतामणि ग्रंथ परमगुरु विशेषण बरननको अंगः ८ जब क्या र्ही गिरवाण भाषकी , अदकै ऐक गमानी।| सदगुरु मिले परमपद पावत, उभये वाण अमानि।।३८ ६अनुवादः फिरचुनावर्मेंकेवल संस्कृत भाषा कामहत्व कहाँ है? जब सद्गुरु मिल जाता है औरपरमपद प्राप्तहो जाता है, तो दोर्नों शब्दव्यर्थहौ जाते हैँl :सIर+ फिरचुनावर्मेकेवल संस्कृत भाषा का महत्व कहॉँ हे? सौभाग्य से, यदिहर्मे कोई अच्छा गुरु मिल जाए ओरहम परमपद प्राप्त करर्ले, तो वस यही महत्वपूर्ण हे। भाषा चाहे कोई भीहो। अर्थात् भाषा|वाणी। चाहे प्राकृत हो या संस्कृत, भाषा का महत्व समाप्तहो जाता हे। जीर्वोके लिए हीमहत्वपूर्ण हे। आत्माकाकल्याण सत् कैवल परमात्मा Govindit सन्ा कैबाल र्घाहेब अद्वैता द्वैत नर्र्वेद चिंतामणि ग्रंथ परमगुरु विशेषण बरननको अंगः ८ जब क्या र्ही गिरवाण भाषकी , अदकै ऐक गमानी।| सदगुरु मिले परमपद पावत, उभये वाण अमानि।।३८ ६अनुवादः फिरचुनावर्मेंकेवल संस्कृत भाषा कामहत्व कहाँ है? जब सद्गुरु मिल जाता है औरपरमपद प्राप्तहो जाता है, तो दोर्नों शब्दव्यर्थहौ जाते हैँl :सIर+ फिरचुनावर्मेकेवल संस्कृत भाषा का महत्व कहॉँ हे? सौभाग्य से, यदिहर्मे कोई अच्छा गुरु मिल जाए ओरहम परमपद प्राप्त करर्ले, तो वस यही महत्वपूर्ण हे। भाषा चाहे कोई भीहो। अर्थात् भाषा|वाणी। चाहे प्राकृत हो या संस्कृत, भाषा का महत्व समाप्तहो जाता हे। जीर्वोके लिए हीमहत्वपूर्ण हे। आत्माकाकल्याण सत् कैवल परमात्मा Govindit - ShareChat
શુભ સવાર ના સત્ કૈવલ સાહેબ. #📝આધ્યાત્મિક ગુરૂ પરમગુરૂ શ્રીમંત કરુણાસાગર.
📝આધ્યાત્મિક ગુરૂ - ಊuಟಝ(ತ_ಝರೆೊಣರರ ಊ[ನೆ೯೫೫ [[ विशेष तो गुणके अवतारन, कारजकरम करनके; अंश उंबारन करीतन कोउके, उपलेमारीमरनके. II३७/l भावार्थः  वि.वि.निधि.ग्रंथ.सिद्धातः२२ ५२भ विशेष थशनावेख्युहैिवताविशेष थंशभां नधीं खोवानुं $२एथे छे ढ विशेवर्थशशुशयुडतशडैया छे , थे२टे तेभनाभां २%ो  तभो थ्नेशान्विडग्ुशी २डेयाछे. %्थारढेथय ळ्यतभीथ्युवदार०्ीदीळ्यादोछे ढ्थारते ಶಾಿರಶಾಖಿ ಿರೌ[ದಣ ಣತ್ಾತ@ನಿತ ಖ{ [ಳi @S.ತಹಡmತ ಣಇತ್ರಿಐಗಿಣತರಿಐಡಿಷೌ @392 cile3s2Sallckl qaldu;leia-usceug] uoi-l ?-leldsluguelt-dGeiseiiazll पश्भा्रुषक्ीकीदाष२Pाशाग२ केवल स्ाहेव Sl 8বুঞ্জ ভেঙ্ম आपका दिन आनंदित रहे। Govindji ಊuಟಝ(ತ_ಝರೆೊಣರರ ಊ[ನೆ೯೫೫ [[ विशेष तो गुणके अवतारन, कारजकरम करनके; अंश उंबारन करीतन कोउके, उपलेमारीमरनके. II३७/l भावार्थः  वि.वि.निधि.ग्रंथ.सिद्धातः२२ ५२भ विशेष थशनावेख्युहैिवताविशेष थंशभां नधीं खोवानुं $२एथे छे ढ विशेवर्थशशुशयुडतशडैया छे , थे२टे तेभनाभां २%ो  तभो थ्नेशान्विडग्ुशी २डेयाछे. %्थारढेथय ळ्यतभीथ्युवदार०्ीदीळ्यादोछे ढ्थारते ಶಾಿರಶಾಖಿ ಿರೌ[ದಣ ಣತ್ಾತ@ನಿತ ಖ{ [ಳi @S.ತಹಡmತ ಣಇತ್ರಿಐಗಿಣತರಿಐಡಿಷೌ @392 cile3s2Sallckl qaldu;leia-usceug] uoi-l ?-leldsluguelt-dGeiseiiazll पश्भा्रुषक्ीकीदाष२Pाशाग२ केवल स्ाहेव Sl 8বুঞ্জ ভেঙ্ম आपका दिन आनंदित रहे। Govindji - ShareChat
શુભ સવાર નુતન વષૉભિનંદન સત્ કૈવલ સાહેબ. સત્ કૈવલ પરમાત્મા. #📝આધ્યાત્મિક ગુરૂ પરમગુરૂ શ્રીમંત કરુણાસાગર.
📝આધ્યાત્મિક ગુરૂ - Sat Kaival Saheb Happy %^78 ARINASAGARREALGu happy new year pray to Paramguru Srimat Karunasagar that starting today brings you the new year happiness peace prosperity and fruitful choices. And best wishes: Thakor Govindji Rakanpur Sat Kaival Saheb Happy %^78 ARINASAGARREALGu happy new year pray to Paramguru Srimat Karunasagar that starting today brings you the new year happiness peace prosperity and fruitful choices. And best wishes: Thakor Govindji Rakanpur - ShareChat
શુભ સવાર ના સત્ કૈવલ પરમાત્મા. #📝આધ્યાત્મિક ગુરૂ પરમગુરૂ શ્રીમંત કરુણાસાગર.
📝આધ્યાત્મિક ગુરૂ - सत् कैवल साहेब 39 Q10 8 6 ವ 0 0 ೦೦೦೦೦ अद्वेता द्वेत नर्रर्वेद चिंतामणी ग्रंथ परमगुरु विशेषण बरननको अंगः ८ तब जेही तेही परकार जिवनके, काज करनूसे कामु। Rriio कया भाषा गिरवार कथनमे, जहॉं प्रभु पाय अनुवादः 4 चूँकिजीर्वों का कर्तव्य हैकिवे अपना 36:` कल्याण कर्रें, जिससे वे ईश्वरको प्राप्तकरसकें ओरमोक्ष प्राप्त करसरकें, तो संस्कृत में बोलने का क्या प्रयोजन हैसारद्देश्य क्या है? संसारमेंजीर्वोंका उद्देश्य केवल अपनी आत्मा काकिसी नकिसी प्रकारसे कल्याण करना है। प्रभुपादकी परम अवस्था प्राप्त करने के अतः भाषा का कोई महत्त्व नर्हीहै। यदि सरल लिए॰ व्यावहारिक प्राकृत भाषा से ही काम चल जाए, तो उनके लिएव्याकरण के रूप में संस्कृत भाषा बोलनेकाक्या प्रयोजन है? सत्ू कैवल परमात्मा Govindiu सत् कैवल साहेब 39 Q10 8 6 ವ 0 0 ೦೦೦೦೦ अद्वेता द्वेत नर्रर्वेद चिंतामणी ग्रंथ परमगुरु विशेषण बरननको अंगः ८ तब जेही तेही परकार जिवनके, काज करनूसे कामु। Rriio कया भाषा गिरवार कथनमे, जहॉं प्रभु पाय अनुवादः 4 चूँकिजीर्वों का कर्तव्य हैकिवे अपना 36:` कल्याण कर्रें, जिससे वे ईश्वरको प्राप्तकरसकें ओरमोक्ष प्राप्त करसरकें, तो संस्कृत में बोलने का क्या प्रयोजन हैसारद्देश्य क्या है? संसारमेंजीर्वोंका उद्देश्य केवल अपनी आत्मा काकिसी नकिसी प्रकारसे कल्याण करना है। प्रभुपादकी परम अवस्था प्राप्त करने के अतः भाषा का कोई महत्त्व नर्हीहै। यदि सरल लिए॰ व्यावहारिक प्राकृत भाषा से ही काम चल जाए, तो उनके लिएव्याकरण के रूप में संस्कृत भाषा बोलनेकाक्या प्रयोजन है? सत्ू कैवल परमात्मा Govindiu - ShareChat