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💧🔔💧🔔💧🔔💧 *🙏सादर वन्दे🙏* *🚩धर्म यात्रा 🚩* *🎄महालक्ष्मी मन्दिर , कोल्हापूर 🎄* *👌मन्दिर के चमत्कार👌* हमनें हनुमानजी के जन्म स्थान हम्पी एवं किष्किंधा , पम्पा सरोवर की यात्रा पूर्ण करली है , अब हम कर्नाटक राज्य से गोवा पणजी या महाराष्ट्र की ओर प्रस्थान करते हैं , यदि आप गोवा के समुद्री किनारे की यात्रा करना चाहते हैं तो हम्पी से पणजी करीब 350 किलोमीटर दूर है ; गोवा की यात्रा करके आप महाराष्ट्र में स्थित कोल्हापुर महारानी महालक्ष्मी मन्दिर के दर्शन करने भी जा सकते है जो कि पणजी से करीब 206 किमी दूर है , यदि आप गोवा नहीं जाना चाहते हैं तो आप हम्पी से सीधे ही कोल्हापुर जा सकते है हम्पी से कोल्हापुर 371 किमी दूर है ; गोवा की यात्रा को छोड़ने पर आपको करीब 200 किमी की यात्रा कम करना पड़ेगी तथा कम से कम 2 -- 3 दिन भी कम लगते हैं ; तो हम आज की धर्मयात्रा मे गोवा छोड़ कर सीधे हम्पी से कोल्हापुर की यात्रा पर जाते है । महाराष्ट् में साढ़े-तीन शक्तिपीठ है ---- कोल्हापुर की महालक्ष्मी , अम्बा बाई , तुलजापुर की आराध्य देवी तुलजा भवानी , माहुरगढ़ की रेणुका माता और सप्तश्रुंग गढ़ पर राज करने वाली सप्तश्रुंगी माता है । भारत में यूं तो कई ऐसे मन्दिर हैं , जिनको लेकर कई तरह की कहानियाँ और मान्यताएँ प्रचलित हैं । लेकिन आज हम बात कर रहे हैं महाराष्ट्र के एक ऐसे मन्दिर के बारे में जिससे एक अजीबो-गरीब रहस्य जुड़ा हुआ है । इस महालक्ष्मी मन्दिर को लेकर कहा जाता है कि इस मन्दिर में स्थित खंभों से एक ऐसा रहस्य जुड़ा है जिसे सुलझाने में विज्ञान भी नाकाम साबित हुआ है । महालक्ष्मी मन्दिर के चारों दिशाओं में एक-एक दरवाजा मौजूद है और इस मन्दिर के नक्काशियों वाले खंभे काफी मशहूर हैं लेकिन इन्हें आज तक कोई भी गिन नहीं पाया है । बताया जाता है कि महालक्ष्मी का यह मन्दिर 1800 साल पुराना है और इस मन्दिर में आदि गुरु शंकराचार्य ने देवी महालक्ष्मी की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की थी , करीब 27 हज़ार वर्गफुट में फैला यह मन्दिर माता के 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है । इस मन्दिर को लेकर ऐतिहासिक मान्यता यह है कि यहाँ देवी सती के तीनों नेत्र गिरे थे , इस मन्दिर में साल के एक खास समय में सूर्य की किरणें मुख्य मन्दिर में मौजूद देवी की मूर्ति पर सीधे पड़ती है । इस मन्दिर में माता लक्ष्मी की चारभुजाओं वाली तीन फुट ऊँची मूर्ति स्थापित है , ऐसा माना जाता है कि तिरुपति यानी भगवान विष्णु से रुठकर माता लक्ष्मी कोल्हापुर में आईं थी ।कहा जाता है कि माता के इस मन्दिर के भीतर अरबों का खज़ाना छुपा हुआ है । करीब 3 साल पहले जब इस खज़ाने को खोला गया तो उसमें हजारों साल पुराने सोने , चांदी और हीरों के ऐसे आभूषण मिलें , जिनकी बाज़ार में कीमत अरबों रुपयों में आँकी गई हैं ।अरबों के इस खज़ाने की सुरक्षा के लिहाज से इसका बीमा भी करवाया गया है ।करीब 1800 साल पुराने इस महालक्ष्मी मन्दिर के साथ कई सारी ऐतिहासिक मान्यताएँ जुड़ी हुई हैं , बात चाहे इसमें छुपे खज़ाने की हो या फिर इस मन्दिर में मौजूद खंभों के रहस्य की , यहाँ की हर बात इस मन्दिर को खास बनाती हैं और मन्दिर के इन रहस्यों को करीब से जानने के लिए भी लोग यहाँ खींचे चले आते हैं ।यहाँ दीपावली की रात महाआरती में जो भी सच्चे मन से अपनी मुराद माता से मांगता है उसे देवी महालक्ष्मी अवश्य पूरा करती है। *आप भी धर्मयात्रा🚩 हेतु जुड़ सकते हैं। *धर्मयात्रा में दी गई ये जानकारियाँ , मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। यहाँ यह बताना जरूरी है कि , धर्मयात्रा किसी भी तरह की मान्यता , जानकारी की पुष्टि नहीं करता है ।* *🙏 शिव 🙏9993339605* । 💧🔔💧🔔💧🔔💧 #मंदिर दर्शन #महालक्ष्मी मंदिर कोल्हापुर दर्शन
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